13 जून 2025 को शुरू हुआ ऑपरेशन राइज़िंग लायन मध्य पूर्व में इज़रायल और ईरान के बीच एक बड़े सैन्य टकराव में बदल चुका है. इज़रायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले किए, जिसके जवाब में ईरान ने सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन हमले किए. 18 जून 2025 तक इस युद्ध ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें 24 लोगों की मौत, 804 से अधिक घायल और हजारों लोगों का विस्थापन हुआ.
ऑपरेशन राइज़िंग लायन: शुरुआत और उद्देश्य
ऑपरेशन राइज़िंग लायन इज़रायल की एक सैन्य कार्रवाई है, जिसका मकसद ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता को नष्ट करना है. इस ऑपरेशन में इज़रायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) और खुफिया एजेंसी मोसाद ने मिलकर ईरान के नतांज, इस्फहान और फोर्डो जैसे परमाणु केंद्रों, सैन्य अड्डों और मिसाइल ठिकानों पर हमले किए.
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13 जून की रात से शुरू हुए इस ऑपरेशन ने ईरान के कई सैन्य कमांडरों, जैसे होसैन सलामी (IRGC कमांडर-इन-चीफ) और मोहम्मद बघेरी (सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ) को मार गिराया. जवाब में, ईरान ने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस III के तहत इज़रायल पर सैकड़ों मिसाइलें और ड्रोन दागे. यह युद्ध अप्रैल और अक्टूबर 2024 में हुए छोटे हमलों से कहीं अधिक गंभीर है.
हमले और प्रभाव: ताज़ा आंकड़े (18 जून 2025, सुबह 9:30)
18 जून तक की जानकारी के अनुसार, इस युद्ध में बड़े पैमाने पर हमले हुए हैं...
हमलेः लगभग 400 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं, जिनमें ईरान की फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइलें शामिल हैं. सैकड़ों ड्रोन (UAVs) लॉन्च किए गए, जिनमें से कई को इज़रायल की आयरन डोम और एरो-3 डिफेंस सिस्टम ने नष्ट किया. लगभग 40 जगहों पर मिसाइलों और ड्रोन हिट हुए. खासकर तेल अवीव, हाइफा, रामत गान, रिशोन लेज़ियन और बत यम जैसे शहरों में.
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हताहत: 24 लोगों की मौत हुई, जिनमें तमरा (हाइफा के पास) में 5 और बत यम में 1 व्यक्ति शामिल हैं. 804 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें 8 गंभीर स्थिति में हैं. 41 मध्यम स्थिति में हैं. 755 मामूली चोटों के साथ हैं. घायलों में ज्यादातर वे लोग हैं जो हमले के दौरान बम शेल्टर में नहीं थे.
नुकसान: इज़रायल टैक्स अथॉरिटी को 18,766 नुकसान के दावे मिले हैं. 15861 इमारतों और संरचनाओं को नुकसान से संबंधित. 1272 वाहनों के नुकसान से संबंधित. 1633 सामान और अन्य संपत्ति से संबंधित.
तेल अवीव में एक आधुनिक रिहायशी इमारत पूरी तरह नष्ट हो गई, जिसमें कई अपार्टमेंट में आग लग गई. रामत गान में 9 इमारतें ध्वस्त हुईं और सैकड़ों अन्य को नुकसान पहुंचा. रिशोन लेज़ियन में चार घरों को नुकसान पहुंचा. एक मिसाइल ने IDF मुख्यालय किरया के पास नुकसान किया.
निकासी: 3,800 लोगों को उनके घरों से सुरक्षित स्थानों पर निकाला गया. तेल अवीव, रामत गान और बत यम जैसे क्षेत्रों में बचाव दल लोगों को मलबे से निकालने में जुटे हैं.
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ईरान की जवाबी कार्रवाई और इज़रायल की रणनीति
ईरान ने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस III के तहत 13 जून से 18 जून तक छह बार मिसाइल हमले किए. इनमें से ज्यादातर मिसाइलों को इज़रायल और अमेरिका की मिसाइल रक्षा प्रणालियों ने रोक लिया, लेकिन कुछ मिसाइलें रिहायशी इलाकों में गिरीं. ईरान ने दावा किया कि उसने हाज कासिम गाइडेड बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया, लेकिन इज़रायल ने इसे गलत बताया और कहा कि ये मिसाइलें सामान्य हैं.
इज़रायल ने ईरान के 120 से अधिक मिसाइल लॉन्चर और 40 हवाई रक्षा प्रणालियों को नष्ट कर दिया, जिससे ईरान की जवाबी क्षमता कमजोर हुई. मोसाद ने महीनों पहले ईरान में ड्रोन पार्ट्स तस्करी कर सैकड़ों क्वाडकॉप्टर ड्रोन बनाए, जिन्होंने हवाई रक्षा और मिसाइल लॉन्चरों को निशाना बनाया. इज़रायल ने नतांज के परमाणु संयंत्र को भारी नुकसान पहुंचाया, जहां IAEA ने भूमिगत सेंट्रीफ्यूज के नष्ट होने की पुष्टि की.
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नुकसान का आकलन और भविष्य
इज़रायल का दावा है कि उसने ईरान के सैन्य नेतृत्व, परमाणु वैज्ञानिकों और मिसाइल क्षमता को भारी नुकसान पहुंचाया. IDF ने कहा कि ईरान की मिसाइलें अब कम संख्या में दागी जा रही हैं, क्योंकि उनके लॉन्चर नष्ट हो चुके हैं. हालांकि, ईरान के पास 2000 मिसाइलें बची हैं. अगले दो साल में यह संख्या 8000 तक पहुंच सकती थी.
इज़रायल में तेल अवीव स्टॉक एक्सचेंज सामान्य रूप से चल रहा है, ताकि अर्थव्यवस्था स्थिर रहे. लेकिन रिहायशी इलाकों में हुए नुकसान ने लोगों को बम शेल्टर में रहने के लिए मजबूर किया है. ईरान में 224 लोगों की मौत और 1300 से अधिक घायल हुए, जिनमें ज्यादातर आम नागरिक हैं.
असर लंबे समय तक रहेगा
ऑपरेशन राइज़िंग लायन ने मध्य पूर्व को युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया है. इज़रायल की सटीक रणनीति और मोसाद की खुफिया तैयारी ने ईरान की सैन्य क्षमता को कमजोर किया, लेकिन ईरान की जवाबी मिसाइलों ने इज़रायल में तबाही मचाई. 24 मौतें, 804 घायल, 18766 नुकसान के दावे और 3800 लोगों की निकासी इस युद्ध की गंभीरता दिखाते हैं. यह टकराव कब और कैसे खत्म होगा, यह अनिश्चित है, लेकिन इसका असर क्षेत्रीय स्थिरता पर लंबे समय तक रहेगा.