भारत ने पिछले कुछ दशकों में रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक के विकास में अभूतपूर्व प्रगति की है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) जैसे संगठनों ने विश्व स्तरीय हथियार प्रणालियों का निर्माण किया है.
ये न केवल भारत की सुरक्षा को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि पड़ोसी देशों खासकर पाकिस्तान के लिए एक बड़ा खतरा बन गए हैं. इनमें से कुछ प्रमुख हथियार हैं- आकाश मिसाइल, ब्रह्मोस मिसाइल और स्काई स्ट्राइकर सुसाइडल ड्रोन.
ये हथियार अपनी सटीकता, गति और विनाशकारी शक्ति के लिए जाने जाते हैं. हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव में इनकी भूमिका ने इन्हें और भी चर्चा में ला दिया है. आइए, इन हथियारों की विशेषताओं, महत्व और युद्धक्षेत्र में उनकी भूमिका पर विस्तार से नजर डालें.
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1. आकाश मिसाइल: हवाई खतरों का काल
आकाश मिसाइल प्रणाली भारत की स्वदेशी सतह-से-हवा (Surface-to-Air) मिसाइल प्रणाली है, जिसे DRDO ने विकसित किया है. यह मिसाइल प्रणाली भारतीय वायुसेना और थलसेना की रीढ़ बन चुकी है. हवाई रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
विशेषताएं
हालिया प्रदर्शन
8-10 मई 2025 को पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों को आकाश मिसाइल प्रणाली ने पूरी तरह नाकाम कर दिया. श्रीनगर में एक पाकिस्तानी JF-17 फाइटर जेट और पंजाब में फतेह-1 मिसाइल को आकाश-NG ने हवा में ही नष्ट किया. इसके अलावा, DJI सैन्य ड्रोन और PL-15 मिसाइलों को भी इसने बेअसर किया. यह प्रदर्शन भारत के 'आयरन डोम' के रूप में आकाश की ताकत को दर्शाता है.
पाकिस्तान के लिए खतरा
आकाश मिसाइल प्रणाली ने पाकिस्तान के हवाई हमलों की रणनीति को विफल कर दिया है. इसकी तैनाती ने भारतीय शहरों और सैन्य ठिकानों को सुरक्षित किया है, जिससे पाकिस्तान की ड्रोन और मिसाइल रणनीति बेकार हो गई है.
2. ब्रह्मोस मिसाइल: दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल
ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त उद्यम का परिणाम है. इसे दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है. यह मिसाइल भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में तैनात है. अपनी गति, सटीकता और विनाशकारी शक्ति के लिए प्रसिद्ध है.
विशेषताएं
हालिया प्रदर्शन
11 मई 2025 को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के सात प्रमुख वायुसेना ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइल का पहली बार युद्ध में उपयोग हुआ. इस हमले ने पाकिस्तान के एयरफील्ड्स में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई. ब्रह्मोस ने लाहौर, इस्लामाबाद और कराची जैसे शहरों को मिनटों में निशाना बनाकर पाकिस्तान की रक्षा प्रणालियों को हिलाकर रख दिया.
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पाकिस्तान के लिए खतरा
ब्रह्मोस की हाइपरसोनिक गति और लंबी रेंज इसे पाकिस्तान के लिए एक बड़ा खतरा बनाती है. यह मिसाइल कुछ ही सेकंड में लाहौर (20-30 सेकंड), इस्लामाबाद (2-3 मिनट), और कराची (3-4 मिनट) को निशाना बना सकती है. इसके अलावा, इसकी रडार-बचाव क्षमता इसे पाकिस्तान की S-400 जैसी प्रणालियों के लिए भी चुनौतीपूर्ण बनाती है.
3. स्काई स्ट्राइकर सुसाइडल ड्रोन: कामिकाजी हथियार
स्काई स्ट्राइकर एक स्वायत्त लॉइटरिंग म्युनिशन (Kamikaze Drone) है, जिसे भारत और इजराइल के संयुक्त उपक्रम के तहत विकसित किया गया है. यह ड्रोन अपनी सटीकता और 'लॉन्च एंड फॉरगेट' तकनीक के लिए जाना जाता है.
विशेषताएं
हालिया प्रदर्शन
7 मई 2025 को 'ऑपरेशन सिंदूर' में स्काई स्ट्राइकर ड्रोन ने पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों, जिसमें हाफिज सईद और मसूद अजहर के मदरसे शामिल थे, को सटीक हमलों से नष्ट किया. इस हमले ने पाकिस्तान की आतंकी रणनीति को गहरा झटका दिया. इसके सैन्य ठिकानों को कमजोर किया. सोशल मीडिया पर इसे 'पाकिस्तान की हलक में जान' फंसाने वाला हथियार कहा गया.
पाकिस्तान के लिए खतरा
स्काई स्ट्राइकर की स्वायत्तता और सटीकता इसे आतंकी ठिकानों और सैन्य सुविधाओं के लिए घातक बनाती है. यह ड्रोन रडार से बच सकता है और छोटे लक्ष्यों, जैसे कमांड सेंटर या आतंकी शिविर को आसानी से नष्ट कर सकता है.
इन हथियारों का सामरिक महत्व
स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता: आकाश, ब्रह्मोस और स्काई स्ट्राइकर जैसे हथियार भारत के 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान का हिस्सा हैं. ये हथियार न केवल विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करते हैं, बल्कि भारतीय रक्षा उद्योग को भी मजबूत करते हैं.
पाकिस्तान पर रणनीतिक बढ़त: इन हथियारों ने पाकिस्तान की हवाई और जमीनी रणनीतियों को बेकार कर दिया है. आकाश ने हवाई हमलों को नाकाम किया, ब्रह्मोस ने आक्रामक हमलों की क्षमता बढ़ाई और स्काई स्ट्राइकर ने आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त किया.
निवेश और आर्थिक प्रभाव: आकाश मिसाइल की निर्माता कंपनियों, BEL और BDL के शेयरों में भारी उछाल देखा गया, जो भारतीय रक्षा स्टॉक्स की मजबूती को दर्शाता है.