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फर्जी दस्तावेजों के सहारे बेचते थे प्री एक्टीवेटेड सिम कार्ड, रैकेट का इनामी गुर्गा गिरफ्तार

यूपी एसटीएफ टीम ने इस रैकेट के पकड़े गए सदस्यों से लंबी पूछताछ की थी. तब इस बात का खुलासा हुआ था कि आरोपियों में से एक खास आरोपी संदीप पांडे फरार है. उसकी गिरफ्तारी पर यूपी एसटीएफ ने 25000 रुपये का इनाम घोषित किया था. उसकी तलाश में लगातार दबिश दी जा रही थी.

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STF ने संदीप को एक दुकानदार के साथ गिरफ्तार किया है
STF ने संदीप को एक दुकानदार के साथ गिरफ्तार किया है

यूपी एसटीएफ ने प्रयागराज के नवाबगंज से 25,000 के इनामी संदीप पांडे और सिम कार्ड विक्रेता नौफील को गिरफ्तार किया है. इससे पहले एसटीएफ ने 15 मई को चित्रकूट के राजापुर इलाके से फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए प्री-एक्टीवेटेड सिम बेचने वाले गैंग के सदस्यों को पकड़ा था.

यूपी एसटीएफ टीम ने इस रैकेट के पकड़े गए सदस्यों से लंबी पूछताछ की थी. तब इस बात का खुलासा हुआ था कि आरोपियों में से एक खास आरोपी संदीप पांडे फरार है. उसकी गिरफ्तारी पर यूपी एसटीएफ ने 25000 रुपये का इनाम घोषित किया था. उसकी तलाश में लगातार दबिश दी जा रही थी.

एसटीएफ की मेहनत रंग लाई. गुरुवार को संदीप पांडे प्रयागराज के नवाबगंज थाना क्षेत्र में उस वक्त पुलिस के हत्थे चढ़ गया, जब वह प्रीएक्टीवेटेड सिम बेचने वाले रैकेट में शामिल नौफिल के साथ उसके ठिकाने पर मौजूद था. पूछताछ में पता चला कि नौफील प्रयागराज में ही मार्शल मोबाइल के नाम से दुकान चलाता है. उसने अग्रहरि कम्युनिकेशन के नाम से वीआई की डिस्ट्रीब्यूटरशिप ले रखी थी.

वो कंपनी के अफसरों के साथ मिलकर सिम खरीदने आए खरीदार का आईडी प्रूफ और वेरीफिकेशन दो बार करवाता था और एक साथ दो सिम एक्टिवेट कर लेता था, एक सिम ग्राहक को देता था और दूसरा सिम अपने पास रख लेता था. फिर 200 से 300 सिम इकट्ठा होने के बाद एक साथ एक्टीवेटेड सिम खरीदारों को बेच देता था.

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एसटीएफ के मुताबिक, पकड़े गए संदीप के जरिए ही नौफ़ील प्री एक्टीवेटेड सिम बेच रहा था. यूपी एसटीएफ को शक है कि बीते 3 सालों में यह गैंग फर्जी दस्तावेजों से अब तक 10,000 से ज्यादा एक्टिवेट किए गए सिम लोगों को बेचे जा चुका है. जिसकी वजह से साइबर अपराध और अन्य अपराध हो रहे हैं. 

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