ओडिशा के मयूरभंज जिले से 11 साल पहले लापता हुआ एक आदिवासी युवक आखिरकार अपने वतन लौट आया. 41 साल का सुदाम हेम्ब्रम रविवार को बांग्लादेश से भारत वापस लाया गया.
उसे पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के पेट्रापोल स्थित हरिदासपुर चेक पोस्ट पर बांग्लादेशी अधिकारियों ने भारतीय अधिकारियों को सौंपा.
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, सुदाम गलती से सीमा पार कर बांग्लादेश पहुंच गया था. इसके बाद वहां रह रहा था. यह मामला तब सामने आया जब अक्टूबर में ढाका में मौजूद भारतीय हाई कमीशन से मयूरभंज पुलिस को उसके बारे में सूचना मिली.
जांच में पता चला कि वह बांग्लादेश के चपई नवाबगंज जिले में रह रहा था.
मयूरभंज के एसपी वरुण गुंटुपल्ली ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद उसकी पहचान, पते और पारिवारिक विवरण का वेरिफिकेशन शुरू किया गया. सभी दस्तावेज और क्रेडेंशियल्स की पुष्टि होने के बाद भारत वापसी की प्रक्रिया आगे बढ़ी.
पहचान की पुष्टि और भारतीय हाई कमीशन से समन्वय के बाद जिले से एक टीम हरिदासपुर चेक पोस्ट के लिए रवाना की गई.
बॉर्डर पर जरूरी ऑफिशियल फॉर्मैलिटी पूरी होने के बाद सुदाम हेम्ब्रम को भारतीय टीम के हवाले कर दिया गया. करीब 11 साल बाद सुदाम अपने परिवार से दोबारा मिला. इस मुलाकात का पल भावुक कर देने वाला था.
जिस बेटे को परिवार ने बरसों पहले खो दिया था, वह अब जिंदा और सकुशल घर लौट आया है. गांव में उसकी वापसी को लेकर खुशी और हैरानी दोनों का माहौल है.