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UP Crime: फर्जी दस्तावेजों से हासिल की सरकारी नौकरी, फार्मासिस्ट और डाक सहायक के खिलाफ FIR दर्ज

उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक ने 20 सितंबर को बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को सूचित किया कि फार्मासिस्ट राम प्रताप सिंह की नियुक्ति बलिया में दर्शाई गई है जबकि उसका नियुक्ति पत्र जाली है.

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फेफना थाने में CHC के दोनों कर्मचारियों पर मामला दर्ज हुआ है (File Photo)
फेफना थाने में CHC के दोनों कर्मचारियों पर मामला दर्ज हुआ है (File Photo)

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में मौजूद एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) के फार्मासिस्ट और डाक सहायक पर फर्जी नियुक्ति पत्रों का इस्तेमाल कर सरकारी नौकरी हासिल करने के सनसनीखेज आरोप लगा है. इस संबंध में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. 

मंगलवार को एक पुलिस अधिकारी ने इस सिलसिले में जानकारी देते हुए पीटीआई को बताया कि जिले के फेफना इलाके में मौजूद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के अधीक्षक डॉ. बाबू लाल मंडल की शिकायत पर सोमवार देर रात फेफना थाने में एक मामला दर्ज किया गया.

सीएचसी के अधीक्षक डॉ. बाबू लाल मंडल ने आरोप लगाया कि फार्मासिस्ट राम प्रताप सिंह फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर केंद्र में काम कर रहे थे. उनकी शिकायक पर फेफना थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की गई है.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विसंगतियां अगस्त 2024 में तब सामने आईं जब डीडीओ पोर्टल पर समान नाम, पिता के नाम और जन्मतिथि वाले कर्मचारियों को वेतन मिलता हुआ दिखाया गया.

जांच के बाद, महानिदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) ने 20 सितंबर को बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को सूचित किया कि फार्मासिस्ट राम प्रताप सिंह की नियुक्ति बलिया में दर्शाई गई है जबकि उसका नियुक्ति पत्र जाली है. 

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महानिदेशक ने स्पष्ट किया कि इसी नाम से असली फार्मासिस्ट वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अधीन नियुक्त किया गया था और वह मिर्जापुर जिले का रहने वाला था. 

ये कहानी यहीं खत्म नहीं हुई, उधर एक दूसरे मामले में बैरिया थाने की पुलिस ने मुरली छपरा सीएचसी की प्रभारी डॉ. देवनीति की शिकायत पर सीएचसी जय प्रकाश नगर के डाक सहायक सुधीर कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. उस पर भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाने का आरोप लगा है.

बलिया जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. संजीव वर्मन ने पीटीआई को बताया कि महानिदेशक के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए, 2016 से कार्यरत दोनों कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है. बैरिया के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) मोहम्मद फहीम कुरैशी ने कहा कि इस संबंध में मामले दर्ज कर लिए गए हैं और जांच जारी है.

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