कर्नाटक के मंगलुरु शहर के बाहरी इलाके में क्रिकेट मैच के दौरान हुए विवाद के बाद एक व्यक्ति की लोगों के एक समूह ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. इस मामले में मंगलुरु ग्रामीण पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 103 (2) के तहत केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले की जांच की जा रही है.
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इसे मॉब लिंचिंग कहा है. उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया जाएगा. आरोप है कि स्थानीय क्रिकेट मैच के दौरान पीड़ित व्यक्ति ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाया. यह घटना 27 अप्रैल को दोपहर करीब 3 बजे मंगलुरु के बाहरी इलाके कुडुपु गांव में भात्रा कल्लुर्ती मंदिर के पास हुई थी.
पीड़ित की पहचान अभी नहीं हो पाई है. उस पर लाठियों से हमला किया गया, जिससे उसे कई चोटें आईं. इससे आंतरिक रक्तस्राव हुआ और वो सदमे में चला गया. पुलिस ने बताया कि अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया. पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया और मंदिर परिसर के पास शव मिलने के बाद इस केस की जांच शुरू कर दी.
मंगलुरु सिटी पुलिस कमिश्नर अनुपम अग्रवाल ने बताया कि 28 अप्रैल को किए गए पोस्टमार्टम से पुष्टि हुई कि मौत गंभीर रूप से चोट लगने की वजह से हुई है. इस मामले में अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस कम से कम 10 और लोगों की तलाश कर रही है. मुख्य आरोपी की पहचान कुडुपु निवासी सचिन के रूप में हुई है.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि घटनाओं के क्रम को स्थापित करने के लिए सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है. गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा, "भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या की घटना की सूचना मिली है, लेकिन इस समय पीड़ित का नाम पता नहीं है और उसकी पहचान भी पता नहीं है. वो कहां से आया है, इसका भी कुछ पता नहीं है.''
उन्होंने कहा, ''मुझे बताया गया कि वो स्थानीय क्रिकेट मैच के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहा था. इसे सुनकर कुछ लोग एकत्र हुए और उसे पीट दिया. कुछ समय बाद सदमे के कारण उसकी मौत हो गई. मुझे अभी तक वास्तविक रिपोर्ट नहीं मिली है. करीब 10 या 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में आगे की जांच चल रही है.''
उन्होंने आगे कहा, "कर्नाटक एक शांतिपूर्ण राज्य है. हम इस तरह की चीजों की अनुमति नहीं देना चाहते हैं. मान लीजिए कि यदि उसने (पीड़ित ने) पाकिस्तान जिंदाबाद जैसा कुछ कहा ही है, तो लोगों को कानून और व्यवस्था को अपने हाथ में लेने की बजाय उसे पुलिस को सौंपना चाहिए था. इस तरह से उसे मारपीट कर अपराध नहीं करना चाहिए.''