दिल्ली के चांदनी चौक में एक ट्रेडिंग ऑफिस से 26 लाख रुपये लूटने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. लूटपाट करने वाले लोगों ने वहां मौजूद कर्मचारी को बांध दिया. उसके बाद पैसे लेकर वहां से फरार हो गए. पुलिस ने बताया कि इस लूट का मास्टरमाइंड मुकेश (24) पहले भी इसी बिल्डिंग में स्थित एक ऑफिस में काम कर चुका है. उसके साथ उसके साथी राजमल उर्फ राजू (44), मोतीलाल (26) और कैलाश (22) को गिरफ्तार किया गया है. एक अन्य आरोपी कमलेश फरार है.
पुलिस उपायुक्त (उत्तर) राजा बंथिया ने बताया कि लूट की यह घटना 31 मई को हुई थी. कमलेश और कैलाश कूरियर बनकर ऑफिस में घुसे और वहां मौजूद कर्मचारी के हाथ-पैर बांधकर उसे दबोच लिया. इसके बाद उन्होंने अलमारी से नकदी लूट ली और मौके से फरार हो गए. ट्रेडिंग ऑफिस के मालिक की तहरीर के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद चांदनी चौक, लाल किला, धौला कुआं और यहां तक कि जयपुर हाईवे पर लगे करीब 250 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाला, जिसमें क्लू मिले.
इसके बाद लूट के आरोपियों की पहचान की गई. पुलिस ने राजस्थान के मूल निवासी राजू, मोतीलाल, कैलाश और मुकेश को आमेट और ढेलाना में छापेमारी के बाद गिरफ्तार कर लिया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुकेश को ऑफिस के बारे में पूरी जानकारी थी. वो ये भी जानता था कि कैश कहां रखा जाता है. उन्होंने बताया, "आरोपी 27 मई को दिल्ली पहुंचे और इलाके की रेकी करते हुए पकड़े जाने से बचने के लिए पहाड़गंज के अलग-अलग होटलों में रुके. इसके बाद लूट की पूरी साजिश रची गई.
पुलिस ने बताया कि 31 मई को कमलेश और कैलाश ने लूट को अंजाम दिया, जबकि राजमल और मोतीलाल ने रसद सहायता मुहैया कराई. लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी शहर से कई चरणों में भाग गए. पहले लाल किला गए, फिर पहाड़गंज गए और अंत में धौला कुआं से सरकारी रोडवेज बस में सवार हुए. सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस टीम जयपुर पहुंची. वहां आगे के विश्लेषण और पूछताछ के बाद राजसमंद में उनके पैतृक गांवों तक पहुंचने में मदद मिली.
ढेलाना में पुलिस छापेमारी में सबसे पहले कैलाश को गिरफ्तार किया गया और उसके खुलासे से अन्य तीन लोगों की भी गिरफ्तारी हुई. पूछताछ के दौरान पता चला कि गिरोह ने पहले भी उत्तर प्रदेश के कानपुर में इसी तरह की लूट की वारदात को अंजाम दिया था. इस बारे में स्थानीय पुलिस को जानकारी दी गई. बरामद की गई वस्तुओं में 18 लाख रुपए नकद और लूट के दौरान आरोपियों द्वारा पहने गए कपड़े शामिल हैं. इसके साथ ही कानपुर पुलिस को भी सूचित कर दिया गया.