बिहार में मंगलवार को वोटिंग के आखिरी चरण के दौरान नवादा जिले के वारिसलीगंज इलाके में मतदान के बीच तनाव का माहौल बन गया. अलग-अलग राजनीतिक दलों के समर्थक एक पोलिंग बूथ के पास आमने-सामने आ गए, जिसके बाद मामूली झड़प हुई. फिलहाल इलाके की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. मतदान शांतिपूर्वक संपन्न कराया गया.
नवादा के पुलिस सुपरिटेंडेंट अभिनव धीमान ने बताया कि झड़प वारिसलीगंज इलाके में पोलिंग बूथ से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर हुई. उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के समर्थकों के बीच मामूली झड़प हुई थी. संबंधित अधिकारी और सुरक्षाकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे. इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर झड़प का वीडियो तेजी से वायरल होने लगा.
इसके साथ ही यह अफवाह तेजी से फैलने लगी कि झड़प के दौरान चुनाव ड्यूटी में लगी सरकारी गाड़ी को नुकसान पहुंचाया गया है. इस पर पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि यह जानकारी पूरी तरह गलत है. उन्होंने कहा, ''जो वाहन क्षतिग्रस्त हुआ है, वह निजी थी. उसका चुनावी ड्यूटी से कोई संबंध नहीं था. सरकारी गाड़ियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है.''
इस झड़प का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है. वीडियो में एक युवक यह कहते हुए दिखाई दे रहा है कि उसे एक खास पार्टी के पक्ष में वोट न डालने की वजह से विरोधियों ने पीटा. वहीं, बिहार के सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर इलाके में भी एक चुनावी विवाद सामने आया. पोलिंग बूथ नंबर 270 के अंदर चुनाव नियमों का उल्लंघन हुआ.
JDU के पोलिंग एजेंट गौतम कुमार को अपनी पार्टी के उम्मीदवार का पैम्फलेट बांटते हुए पकड़ा गया. इस पर मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है. यह केस रुन्नीसैदपुर ब्लॉक के सर्कल ऑफिसर की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज हुआ. उन्होंने बताया कि बूथ के अंदर किसी भी पार्टी के प्रचार सामग्री का वितरण चुनाव नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि अररिया और औरंगाबाद जिलों में भी पॉलिटिकल पार्टियों के समर्थकों के बीच झड़पें हुईं. हालांकि, चुनाव आयोग ने इन खबरों को भ्रामक और गलत बताया. आयोग ने कहा कि इन जिलों में मतदान शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से संपन्न हुआ है. आखिरी चरण की वोटिंग के दौरान सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात था.