Karnataka Former DGP Om Prakash Murder Case: कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक ओमप्रकाश को उनके घर के अंदर ही बेरहमी के साथ कत्ल कर दिया गया. आईपीएस अफसर ओमप्रकाश साल 2017 में डीजीपी के पद से रिटायर हुए थे. वे मूल रूप से बिहार के चंपारन जिले के रहने वाले थे. उनके शरीर को चाकू से 8 से 10 बार तक गोदा गया था. हैरत की बात ये है कि खुद कातिल ने कत्ल करने के बाद पुलिस को इस वारदात की जानकारी दी. और वो कातिल कोई और नहीं बल्कि मरने वाले की पत्नी पल्लवी थी. छानबीन के दौरान पता चला है कि पल्लवी सिजोफ्रेनिया नाम की एक मानसिक बीमारी की शिकार है. अब इस कत्ल के मकसद को लेकर पुलिस की जांच पर सबकी निगाहें लगी हैं.
पत्नी ने किया पूर्व डीजीपी का मर्डर
आठ साल पहले तक कर्नाटक के हर शख्स और हर घर की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी आईपीएस ओमप्रकाश के कांधों पर थी. मगर रविवार को उन्हीं का कत्ल उनके अपने घर में कर दिया गया. हालांकि ना कोई कातिल बाहर से आया ना ही इनका कोई बाहरी दुश्मन था. दरअसल, क़ातिल भी घर में था और दुश्मन भी. आरोपी का़तिल कोई और नहीं बल्कि उनकी अपनी पत्नी है. जिसने अपने हाथों से कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश के गर्दन और सीने में खंजर उतारने से पहले उनकी आंखों में मिर्ची डाल कर उन्हें बेबस किया था. फिर उन पर चाकू के कम से कम दस वार किए. जब पूर्व डीजीपी तड़प रहे थे तब उकी पत्नी सामने कुर्सी पर बैठ कर उन्हें तड़पता देख रही थी, फिर जब उसे यकीन हो गया कि अब उनकी मौत हो गई है तब पत्नी ने खुद पुलिस को 112 नंबर पर फोन किया और कत्ल की बात बताई. इसके बाद उसने अपनी एक दोस्त जो कि एक रिटायर्ड आईपीएस की पत्नी थीं उन्हें वीडियो कॉल किया और कहा, 'मैने राक्षस को मार डाला.'
1981 बैच के IPS थे ओम प्रकाश
बेंगलुरु के पॉश इलाकों में से एक है एचएसआर लेआउट. जहां तीन मंज़िला घर में रिटायरमेंट के बाद पिछले आठ सालों से कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश रहा करते हैं. घर में उनके अलावा पत्नी पल्लवी और बेटी क्रुति रहा करती थी. बेटा कार्तिकेश अपनी पत्नी के साथ बेंगलुरु में ही अलग रहता है. बिहार के चंपारण के रहने वाले ओमप्रकाश 1981 बैच के आईपीएस अफसर थे. मार्च 2015 से मार्च 2017 तक वो कर्नाटक के सबसे पड़े पुलिस अफसर यानी राज्य पुलिस महानिदेशक (DGP) रहे.
डायनिंग हॉल में पड़ी थी ओम प्रकाश की लाश
रविवार 20 अप्रैल की शाम चार से साढ़े चार के दरम्यान पल्लवी के कॉल करने के बाद पुलिस मौके पर पहुंचती है. घर के अंदर दाखिल होती है डायनिंग हॉल में खून से लथपथ ओम प्रकाश की लाश पड़ी थी. जब पुलिस घर के अंदर दाखिल हुई तब पल्लवी डायनिंग हॉल में ही लाश के करीब बैठी थी. जबकि क्रुति फर्स्ट फ्लोर पर अपने कमरे में थी. उसने खुद को कमरे के अंदर बंद कर लिया था. पुलिस की काफी कोशिश के बावजूद जब क्रुति ने दरवाजा नहीं खोला, तब पुलिस को मजबूरन दरवाजा तोड़ना पड़ा. ओम प्रकाश के गर्दन, पेट, सीने और बाहों पर 8 से 10 चाकू के घाव थे. जब पुलिस मौके पर पहुंची तब लाश चादर से लिपटी हुई थी. फर्श पर चारों तरफ खून ही खून बिखरा पड़ा था. जख्म के अलावा ज्यादा खून बह जाने की वजह से ओम प्रकाश की घर में ही मौत हो चुकी थी.
मां के खिलाफ बेटे ने दर्ज कराई FIR
वारदात के वक्त घर में सिर्फ तीन लोग मौजूद थे. ओम प्रकाश, उनकी पत्नी पल्लवी और बेटी क्रुति. ओम प्रकाश का बेटा कार्तिकेश तब कर्नाटका गोल्फ एसोसियेशन में गोल्फ खेलने गया हुआ था. शाम करीब 5 बजे कार्तिकेश को उनके एक पड़ोसी ने फोन कर वारदात की जानकारी दी. कार्तिकेश जब घर पहुंचे तो पुलिस पहले से ही घर के अंदर थी. कार्तिकेश ने ही बाद में पुलिस में एफआईआर लिखाई. एफआईआर में कार्तिेकेश ने लिखाया है कि उनकी मां पल्लवी उनके पिता ओमप्रकाश को पिछले कई हफ्तों से धमकी दे रही थी. इसी धमकी की वजह से कुछ दिन पहले ओम प्रकाश बेंगलुरु में ही रहने वाली अपनी बहन सरिता कुमारी के घर चले गए थे. दो दिन पहले य़ानि शुक्रवार को मेरी छोटी बहन क्रुति सरिता कुमारी के घर गई और मेरे पिता पर दबाव डालकर उन्हें वापस उनकी मर्जी के खिलाफ घर ले आईं. कार्तिकेश के मुताबिक, उनकी मां पल्लवी और बहन क्रुति दोनों ही डिप्रेशन की मरीज हैं. कार्तिकेश ने एफआईआर में ये भी लिखाया है कि उसे पूरा यकीन है कि उसकी मां और बहन ने ही उनके पिता का कत्ल किया है.
रविवार को घर पर नहीं था सुरक्षाकर्मी
कार्तिकेश की शिकायत और शुरुआती तफ्तीश के बाद पुलिस ने पाया कि रविवार दोपहर से शाम तक ओम प्रकाश के घर बाहर से कोई भी नहीं आया था. ना ही कोई घर से बाहर गया था. सीसीटीवी कैमरे में किसी बाहरी शख्स की एंट्री या एग्जिट दिखाई नहीं दी. हालांकि एक्स डीजीपी होने के नाते ओम प्रकाश को पुलिस सुरक्षा भी मिली हुई थी. लेकिन रविवार को कोई सुरक्षा नहीं थी. घर के अंदर फोर्स एंट्री के भी कोई सबूत नहीं मिले.
पत्नी और बेटी हिरासत में
चूंकि शिकायत और सुराग दोनों ही पल्लवी और क्रुति की तरफ इशारा कर रहे थे. लिहाजा, पुलिस ने उन दोनों को पहले हिरासत में लिया और फिर गिरफ्तार कर लिया. बेंगलुरु पुलिस सूत्रों के मुताबिक पल्लवी ने ओम प्रकाश के कत्ल की बात कबूल भी कर ली है. शुरुआती पूछताछ में पल्लवी ने बताया कि रविवार को झगड़े की शुरुआत ओम प्रकाश ने ही की थी. पल्लवी के मुताबिक उसने सेल्फ डिफेंस में ओम प्रकाश को मार डाला. पल्लवी ने इल्जाम लगाया कि ओम प्रकाश अपने पास एक पिस्टल रखा करते थे और उसी पिस्टल से छोटी छोटी बातों पर भी वो उन्हें गोली मार देने की धमकी देते थे.
8 से 10 बार किए थे चाकू से वार
पल्लवी के बयान के मुताबिक, रविवार को दोपहर के खाने के दौरान डायनिंग टेबल पर ओम प्रकाश ने फिर से झगड़ा शुरु कर दिया. इसी झगड़े के दौरान उन्होंने फिर से उन्हें पिस्टल दिखा कर धमकी दी. इसी के बाद उन्होंने ओम प्रकाश को मार डाला. शुरुआती पूछताछ में पल्लवी ने बताया कि उसने कम से कम 8 से 10 बार चाकू मारा. पल्लवी ने ये भी बताया कि जब उसे यकीन हो गया की ओम प्रकाश मर चुके हैं, तब उसने एक रिटायर्ड आईपीएस अफसर की पत्नी को फोन कर इसकी जानकारी दी. इसके बाद अगला फोन पुलिस को किया 112 नंबर पर. पल्लवी ने ये भी दावा किया कि इस कत्ल में क्रुति का कोई रोल नहीं है.
पुलिस को बेटी के भी शामिल होने का शक
पुलिस सोर्सेज के मुताबिक, पल्लवी ने ओम प्रकाश के मर्डर की बात कबूल कर ली है. लेकिन पल्लवी का कहना है कि उसने ऐसा सेल्फ डिफेंस में किया है. पल्लवी ने अपनी बेटी क्रुति को बेकसूर बताया. पल्लवी का कहना है कि ओम प्रकाश के कत्ल से उसका कोई लेना देना नहीं. हालांकि पुलिस ने क्राइम सीन से दो चाकू बरामद किए हैं. पुलिस को शक है कि ओम प्रकाश के कत्ल में पल्लवी के साथ साथ क्रुति भी शामिल है.
गर्दन और सीने पर चाकू से वार
पल्लवी के बयान से हटकर पुलिस ने जब क्राइम सीन की जांच की और मां बेटी दोनों से अलग अलग पूछताछ की तो रविवार दोपहर की पूरी कहानी कुछ यूं सामने आई. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, रविवार यानी 20 अप्रैल की दोपहर ओम प्रकाश घर में ग्राउंड फ्लोर पर थे. दोपहर के खाने का वक्त था. डायनिंग टेबल पर खाना लगा हुआ था और ओएम प्रकाश तब खाने के लिए कुर्सी पर बैठे थे. तभी अचानक पत्नी पल्लवी से उनका झगड़ा होता है. इसी झगड़े के दौरान पल्लवी अचानक मिर्ची पाउडर उठाती हैं और ओमप्रकाश की आंखों में झोंक देती हैं. ओम प्रकाश को अब कुछ दिखाई दे नहीं देता. इसी बेबसी के आलम में पल्लवी चाकू उठाती हैं और एक के बाद एक उनकी गर्दन और सीने पर उसी चाकू से कुल दस वार करती हैं. लहूलुहान ओम प्रकाश डायनिंग के करीब ही गिर पड़ते हैं. खून लगातार बह रहा था. ओम प्रकाश तड़प रहे थे. इसी बीच पल्लवी एक कुर्सी पर बैठ जाती है और अपने सामने अपने पति को तब तक तड़पता देखती रहती है जब तक कि उनकी सांसें थम नहीं जातीं. पल्लवी करीब 15 से 20 मिनट तक कुर्सी पर बैठी ओम प्रकाश को तड़पते देखती रही थी.
आंखों में मिर्ची डालकर किए वार
वारदात दोपहर को डायनिंग टेबल पर हुई. तब घर के तीनों मेंबर डायनिंग हॉल में ही थे. खाने में दो तरह की फिश बनी थी. ओम प्रकाश प्लेट में खाना ले चुके थे. ठीक तभी ओम प्रकाश और पल्लवी के बीच झगड़ा शुरु हो जाता है. पल्लवी ने ओम प्रकाश के आंखों में मिर्ची तब फेंकी जब वो डायनिंग टेबल पर ही बैठे थे. मिर्ची की वजह से ओम प्रकाश को कुछ दिखाई नहीं दिया और तभी पल्लवी ने चाकू से उन पर वार शुरु कर दिया.
जांच के बाद सामने आएगी सच्चाई
बेंगलुरु के सेंट जॉन मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ओम प्रकाश की लाश के पोस्टमॉर्टम के बाद शव उनके बेटे कार्तिकेश को सौंप दिया गया. बाद में बेंगलुरु में ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस मौके पर कर्नाटक के होम मिनिस्टर जी परमेश्वर ने कहा कि ओम प्रकाश एक अच्छे पुलिस अफसर थे और जांच के बाद उनकी मौत की पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी. वो जी. परमेश्वर ही थे जो जब कर्नाटक के गृह मंत्री थे तब 2015 में ओम प्रकाश राज्य के डीजीपी बने थे.
शादी के करीब 40 साल बाद पति का मर्डर
अब सवाल ये है कि शादी के करीब 40 साल बाद पल्लवी ने अपने ही हाथों से अपने पति ओम प्रकाश का कत्ल क्यों किया? पति-पत्नी में किस बात पर झगड़ा होता था? और पल्लवी और उनकी बेटी क्रुति किस बीमारी का शिकार थीं? क्योंकि कत्ल के बाद कत्ल का मोटिव यानि मकसद जानना जरूरी है.
12 सालों से डिप्रेशन में है पल्लवी
ओम प्रकाश की पत्नी पल्लवी पिछले 12 सालों से डिप्रेशन के अलावा एक गंभीर मानसिक बीमारी से भी जूझ रही थी. सिजोफ्रेनिया नाम की इस बीमारी में अक्सर इसकी शिकार मरीज को अचानक डर लगने लगता है. कई बार ये वहम भी सताता है कि सामने वाला उसे नुकसान भी पहुंचा सकता है. यानि इस बीमारी के शिकार लोग अक्सर वहम में जीते हैं.
पल्लवी के मेंटल स्टेटस की जांच
इस एंगल से भी इस केस की जांच कर रही है कि कहीं सिजोफ्रेनिया की वजह से ही तो पल्लवी ने ओम प्रकाश का कत्ल नहीं किया. बेंगलुरु में ही इस बीमारी को लेकर पिछले 8 सालों से पल्लवी का बाकायदा इलाज चल रहा था. इलाज कर रहे डॉक्टर से भी पुलिस पूछताछ कर पल्लवी की मेंटल स्टेटस के बार में जानकारी जुटा रही है.
मां-बेटी डिप्रेशन की शिकार
ओम प्रकाश के बेटे कार्तिकेश के मुताबिक मां पल्लवी के साथ साथ छोटी बहन क्रुति भी डिप्रेशन की शिकार थी. तो क्या ओम प्रकाश के कत्ल की वजह पल्लवी की मानसिक बीमारी थी. क्या इसी बीमारी की वजह से उन्हें अक्सर लगता था कि ओम प्रकाश उन्हें पिस्टल दिखाकर डराते धमकाते हैं. या फिर कत्ल की वजह कुछ और है.
कत्ल के पीछे संपत्ति विवाद!
शुरुआती तफ्तीश के मुताबिक, पुलिस को ये भी पता चला है कि ओम प्रकाश ने अपने कुछ करीबी पुलिस वालों से घरेलू झगड़े की बात शेयर की थी. छानबीन में ये बात भी सामने आई है कि ओम प्रकाश और उनकी पत्नी पल्लवी के बीच अक्सर एक प्रॉपर्टी को लेकर भी झगड़ा हुआ करता था. ये प्रॉपर्टी बेंगलुरु में ही है. झगड़ा इस बात को लेकर था कि ओम प्रकाश ने ये प्रॉपर्टी अपनी बहन सरिता कुमारी के नाम कर रखी थी. उन्हीं सरिता के नाम जिनके घर वो पिछले हफ्ते भर से रह रहे थे और शुक्रवार को ही अपनी बेटी क्रुति के जिद करने पर वापस अपने घर लौटे थे.
कई पदों पर रह चुके थे ओम प्रकाश
1981 बैच के आईपीएस अफसर ओम प्रकाश बिहार के चंपारण के रहने वाले थे. उन्होंने अपना करियर तब के बेल्लारी डिस्ट्रिक और आज के हरपनहल्ली में बतौर एएसपी यानि एडिशनल सुप्रिटेंडेंट ऑफ पुलिस से शुरु की थी. कर्नाटक के अलग अलग शहरों और जिलों में बतौर एसएसपी भी उन्होंने शानदार काम किया था. ओम प्रकाश लोकायुक्त, फायर डिपार्टमेंट एंड इमरजेंस सर्विस और सीआईडी में भी डीआईजी के तौर पर काम कर चुके थे. वो 1 मार्च 2015 को कर्नाटक के डीजीपी बनाए गए थे. इस पद पर वो पूरे दो साल रहे और फिर मार्च 2017 में सर्विस से रिटायर हो गए. रिटायरमेंट के बाद वो अपने परिवार के साथ बेंगलुरु के इसी घर में रहा करते थे.