एनटीएजीआई (नैशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन) ने विदेश यात्रा करने वालों को नौ महीने के सामान्य अंतराल से पहले कोविड-19 रोधी टीके की एहतियाती खुराक लगवाने की बात कही है. पीटीआई के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि व्यक्ति जिस देश की यात्रा कर रहा है, वहां अगर एहतियाती खुराक लगवाना अनिवार्य है तो वह टीका लगवा सकता है. सूत्र ने बताया कि बुधवार को इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान एनटीएजीआई ने यह सलाह दी है.
दो खुराक के समय को कम करने की नहीं दी सलाह
एनटीएजीआई ने सभी के लिए टीके की पहली और दूसरी खुराक के बीच के मौजूदा नौ महीने के अंतर को घटाकर छह महीने करने पर अभी तक कोई सलाह नहीं दी है. सूत्रों ने बताया कि आगामी बैठकों में इस मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है.
बूस्टर डाेज जल्दी देने पर इसलिए हो रही बात
बूस्टर डोज जल्दी देने का विचार क्यों आया? यह भी जान लीजिए. दरअसल, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और दूसरे इंटरनेशनल संस्थानों ने माना है कि कोविड की दोनों खुराक लेने के बाद बनी एंटीबॉडी करीब छह महीने बाद खत्म हो जाती है. वहीं बूस्टर डोज लगने से इम्यूनिटी मजबूत होती है.
5-12 साल के बच्चों के वैक्सिनेशन पर भी हुई चर्चा
NTAGI ने बुधवार को हुई बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि 5-12 साल के बच्चों को कोरोना टीका कब से लगाया जाए. दरअसल, बीते दिनों ही बच्चों के लिए दो कोरोना टीकों को मंजूरी मिली थी. बताया गया था कि 5-12 साल के बच्चों को Corbevax और 6-12 साल के बच्चों को Covaxin का टीका लगेगा. DCGI ने इनको आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है.
10 अप्रैल से 18+ को दी जा रही बूस्टर डोज
भारत में पहले 10 जनवरी से 60 साल और उससे ऊपर के लोगों को precaution dose देनी शुरू की गई थी. फिर 10 अप्रैल से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए बूस्टर डोज की शुरुआत की गई. फिलहाल इस उम्र के लोगों को बूस्टर डोज निजी वैक्सीन केंद्रों पर लग रही है.