इस्तेमाल करने लिए लाइसेंस की जरुरत नहीं
जयंती रवि ने कहा कि ड्रग्स और केमिस्ट एक्ट के तहत इसका इस्तेमाल करने लिए लाइसेंस की जरुरत नहीं है. बता दें कि कोरोना से संक्रमित मरीजों की जरूरतों को देखते हुए राजकोट की कंपनी ज्योति सीएनसी ने विशेष रूप से कोविड-19 के मरीजों के लिए वेंटिलेटर तैयार किया था. इसका नाम धमण-1 दिया गया और इसकी कीमत एक लाख रुपये तय की गई. हालांकि इस्तेमाल के दौरान ये मशीन गुणवत्ता के मापदंडों पर खरी नहीं उतरी थी.
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अब राज्य सरकार की वरिष्ठ अधिकारी जयंती रवि ने कहा कि भारत सरकार ने टेंडर की प्रक्रिया जारी की है जिसमें धमण-1 बनाने वाली राजकोट की कंपनी कज्योति सीएनसी रजिस्टर है. उन्होंने कहा कि कृत्रिम फेफड़े में इस्तेमाल करने के बाद उसे पास किया गया, इसके बाद धमण-1 को सर्टिफाइड किया गया है. जयंती रवि ने कहा कि इस वेंटिलेटर में 4 उपकरण लगाने अभी बाकी हैं. इसके बाद ये पूरा काम करेगा.
यह संपूर्ण वेंटिलेटर नहीं है
धमण-1 को बनाने वाली कंपनी ज्योति सीएमसी के मालिक पराक्रम सिंह जाडेजा का कहना है कि यह संपूर्ण वेंटिलेटर नहीं है, और इस बारे में राज्य सरकार को भी बता दिया गया था. उन्होंने कहा कि वेंटिलेटर में कई मोड होते हैं और ये आपातस्थिति के लिए है. हम धमण-3 बना रहे हैं जो एक संपूर्ण वेंटिलेटर है.