देश में लोग कोरोना वायरस से घबराए हुए हैं, हल्की खांसी और छींक आने पर भी टेंशन हो जाती है. कोरोना से डरने की नहीं बल्कि सतर्क रहते हुए पूरी तरह एहतियात बरतने की जरूरत है. अगर आप नीचे दी गई कुछ बातों पर अमल करेंगे तो कोरोना के किसी भी संक्रमण से बहुत हद तक बचे रहेंगे.
लॉकडाउन में ट्रेन, बस, मेट्रो आदि सब बंद हैं. फिर भी बेहद जरूरी हो तो भी सार्वजनिक वाहनों का उपयोग न करे. आपको ये नहीं पता कि आपकी सीट कहीं कोरोना संक्रमित तो नहीं.
आप किसी भी समुदाय, दल की सभा या पार्टी वगैरह में जाने से परहेज करें. हो सकता है कि आप जिस सार्वजनिक सभा, जलसे, पार्टी या कार्यक्रम में गए हों. वहां कोई कोरोना संक्रमित हो.
अगर आपका कोई करीबी अस्पताल में है और आपको उसके पास रहना है तो खुद को अच्छे से ढक लें. मास्क लगाएं. सैनिटाइजर से लगातार हाथ साफ करते रहें. अस्पताल के स्टाफ के निर्देश मानें और मरीज से 5 फीट की दूरी से मिलें.
वैसे तो लॉकडाउन में रेस्टोरेंट्स बंद हैं. लेकिन जब खुलें तब भी सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखते हुए खाना खाएं. क्योंकि हो सकता है कि वहां कुक, वेटर या अन्य गेस्ट को कोरोना हो और उसके लक्षण न दिख रहे हों.
मॉल्स, सड़क, बाजारों में बनाए गए सार्वजनिक मुफ्त शौचालयों का उपयोग न करें, क्योंकि उनके दरवाजों, हैंडल और नलों की इतनी अच्छी सफाई नहीं होती जितनी होनी चाहिए.
साबुन से लगातार हाथ धोते रहें. छींकने और खांसने के दौरान अपना मुंह जरूर ढंकें. जब आपके हाथ स्पष्ट रूप से गंदे न हो, तब भी अपने हाथों को हैंड वॉश से जरूर धोएं. प्रयोग के बाद टिशु को तुरंत किसी बंद डिब्बे में फेंक दें.
अस्वस्थ होने पर डॉक्टर से मिलें. एक दूसरे से दूरी बनाए रखें. अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें. बुखार-खांसी-सांस लेने में तकलीफ हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें या सरकारी हेल्पलाइन पर फोन करें.
सरकार छूट दे तब भी फिलहाल बेवजह बाहर न जाएं. लॉकडाउन के दौरान भी जरूरी चीजों की खरीदारी के लिए भी सप्ताह में एक बार ही बाहर निकलें. बच्चों को बाहर न लाएं. संभव हो तो अकेले ही जाएंय
कोरोना वायरस बुजुर्गों को आसानी से अपना शिकार बना रहा है. परिवार के बुजुर्गों का खास ख्याल रखें. उन्हें घर में ही रखें और सुरक्षित रखें. उन्हें व्यस्त रखें ताकि घर में उन्हें बोरियत या अकेलापन महसूस न हो.
लिफ्ट के बटन और सीढ़ियों की रेलिंग कुछ ऐसी जगह हैं जहां कोरोना संक्रमण हो सकता है. लिफ्ट के बटन दबाने के लिए अपने पास हमेशा टूथपिक रखें. एक टूथपिक का एक ही बार इस्तेमाल कर उसे कूड़े मे फेंक दें. सीढ़ियां चढ़ते या उतरते समय भी रेलिंग को पकड़ने से बचें.
अगर आप बाहर न निकलते हुए कुछ ऑनलाइन मंगाते हैं तो सामान आने पर उसे सैनिटाइज जरूर करें. जिस कागज या प्लास्टिक में सामान डिलीवर हुआ है उसे तुरंत हटाकर फेंक दें. सामान की डिलीवरी लेकर अपने हाथ साबुन या सैनिटाइजर से धोएं. अगर आपने बाहर से खाना ऑर्डर किया है तब भी डिलीवरी लेते वक्त सावधानी रखिए.
अगर आप बाजार से सब्जी लाए हैं तो उसे गुनगने पानी से धो लें. दूध की थैली लाने पर उसे भी गर्मपानी में डाला जा सकता है. अगर कोई सामान तुरंत इस्तेमाल नहीं करना है तो उसे घर में लाकर एक सुरक्षित जगह रख दें जहां बच्चों की पहुंच न हो. कुछ दिन बाद उसका इस्तेमाल करें ताकि संभावित संक्रमण खत्म हो जाए.
सरकार ने स्पष्ट किया है कि लॉकडाउन के दौरान दूध, सब्जियां समेत जरूरी वस्तुओं की बिक्री होती रहेगी. हालांकि, अलग-अलग राज्यों में ग्रॉसरी स्टोर्स के खुलने और बंद होने की टाइमिंग को लेकर अलग से निर्देश जारी किए गए हैं. घर बैठे ऑनलाइन भी ग्रॉसरी का सामान खरीदा जा सकता है.
क्वारनटीन का निर्देश मिलने पर आप घर पर ही रुकें. स्कूल या दफ्तर बिल्कुल ना जाएं. अगर आप रूममेट्स या फैमिली के साथ रहते हैं तो उनसे भी अलग कमरे में रहें और अलग बाथरूम का इस्तेमाल करें. साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और कपड़े नियमित तौर पर धोते रहें. ग्रॉसरी की जरूरत पड़ने पर डिलीवरी सर्विस का इस्तेमाल करें. डॉक्टर्स से परामर्श लेने जा रहे हों तो फेस मास्क पहनकर ही बाहर जाएं.
कोरोना वायरस से लड़ाई में हैंड सैनिटाइजर्स और साबुन दोनों ही असरदार हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कोरोना वायरस से बचाव के लिए कम से कम 60 फीसदी एल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर्स से हाथ धोना चाहिए. अगर साबुन-पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो कम से कम 20 सेकेंड तक अच्छी तरह हाथों को धोएं.
कोरोना वायरस सतहों और वस्तुओं पर कुछ घंटों या उससे ज्यादा वक्त तक के लिए जिंदा रह सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि हाथ धोने के अलावा, स्मार्टफोन और दरवाजों के हैंडलों को भी साफ करते रहना चाहिए.
इस बात का कोई सबूत नहीं है कि भारतीयों की इम्युनिटी पश्चिमी देशों के लोगों की तुलना में बेहतर है. जीवन प्रत्याशा के मामले में दुनिया में भारत की रैकिंग 128 है. भारत के कई शहरों में वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या है और डायबिटीज मरीजों के मामले में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है. ये दोनों ही चीजें भारतीयों को कोरोना वायरस के गंभीर खतरे में डाल सकती हैं.
कई स्टडीज में ये बात साबित हो चुकी है कि जो लोग स्मोकिंग करते हैं, उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण का ज्यादा गंभीर खतरा होता है. स्मोकिंग की वजह से फेफड़ों की संक्रमण से लड़ने की क्षमता कमजोर हो चुकी होती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्मोकिंग करने वालों को बाकी लोगों की तुलना में रिकवरी में ज्यादा वक्त लग सकता है.