भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अब 10 साल या उससे अधिक उम्र के नाबालिगों को स्वतंत्र रूप से अपना बैंक अकाउंट खोलने और उसे ऑपरेट करने की परमिशन दे दी है. इससे पहले नाबालिगों के बैंक खाते को माता-पिता या कानूनी अभिभावकों द्वारा संचालित किया जाता था. सोमवार को केंद्रीय बैंक ने ये बड़ा ऐलान किया और सर्कुलर जारी कर कहा कि 'कम से कम 10 साल की आयु सीमा या इससे ऊपर को स्वतंत्र रूप से सेविंग/टर्म डिपॉजिट अकाउंट खोलने और ऑपरेट करने की अनुमति दी जा सकती है.
नाबालिगों को ATM से लेकर चेकबुक तक!
पीटीआई के मुताबिक, RBI ने कहा है कि ऐसे नाबालिगों को अपने परिजन या कानूनी अभिभावक के माध्यम से अकाउंट खोलने और ऑपरेट करने की अनुमति दी जा सकती है. केंद्रीय बैंक ने ये भी कहा कि तमाम बैंक अपनी रिस्क मैनेजमेंट पॉलिसी के आधार पर नाबालिगों के अकाउंट को अतिरिक्त बैंकिंग सुविधाएं भी दे सकते हैं. सर्कुलर के अनुसार Banks नाबालिग खाताधारकों को इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम/डेबिट कार्ड, चेक बुक समेत अन्य जरूरी सुविधाएं देने के लिए स्वतंत्र हैं.
नाबालिगों के जमा खाते खोलना और उनका संचालन करना
— ReserveBankOfIndia (@RBI) April 21, 2025
Opening of and operation in deposit accounts of minorshttps://t.co/7v7OM9CKk6
Rule Change के पीछे RBI का ये उद्देश्य
केंद्रीय बैंक द्वारा इस संबंध में जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक, अब किसी भी आयु के नाबालिग अपने नाम से बचत या सावधि जमा खाता खोल सकता है. 10 वर्ष से कम आयु के नाबालिगों को भी अपनी माता को अभिभावक बनाकर ऐसे बैंक खाते खोलने की अनुमति होगी. वहीं 10 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चों को अपना अकाउंट स्वतंत्र रूप से ऑपरेट करने की अनुमति दी जा सकती है, हालांकि संबंधित बैंक अपनी नीतियों के अनुसार लिमिट्स और शर्तें तय कर सकते हैं. इन्हें नाबालिग खाताधारकों को स्पष्ट रूप से समझाया भी जाना चाहिए.
इसके अलावा जब नाबालिग 18 साल का हो जाता है, तो बैंक नए ऑपरेटिंग दिशा-निर्देश और नमूना हस्ताक्षर मांगेंगे. ऐसे में अगर खाता अभिभावक द्वारा मैनेज किया जा रहा होगा, तो बैंक शेष राशि की पुष्टि करेगा. आरबीआई के मुताबिक, इन बदलावों (RBI Rule Change) का उद्देश्य माता-पिता के मार्गदर्शन में बच्चों में वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना है.
1 जुलाई से लागू होंगे नए नियम!
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नाबालिगों और 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए बैंक खाते खोलने और उनके संचालन के लिए अपने दिशा-निर्देशों में जो संशोधन किए हैं, उन्हें लेकर बैंकों को सलाह दी गई है कि वे 1 जुलाई 2025 तक अपनी मौजूदा नीतियों को संशोधित मानदंडों के अनुरूप बना लें. यानी तब तक मौजूदा नियम जारी रह सकते हैं.