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MS Calculator: आपकी भी सैलरी 30 हजार है तो ऐसे करें मैनेज, बचेगा पैसा... सभी खर्चे भी होंगे पूरे!

हमारे देश में अधिकतर लोगों की सीमित आय है, 30 हजार से 40 हजार तक मंथली इनकम है. ऐसे में इस बात को लेकर चिंता होती है कि बचत नहीं कर पा रहे हैं फिर आगे की राह कैसे कटेगी, यानी कुछ साल के बाद खर्चे और बढ़ जाएंगे, फिर कैसे मैनेज होगा.

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monthly finance planner
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रमेश की तरफ आपकी भी सैलरी 30 हजार रुपये के आसपास है? इतने पैसे में घर चलाना मुश्किल हो रहा है? दरअसल हमारे देश में ये समस्या आम है. क्योंकि अधिकतर लोगों की सीमित आय है. ऐसे में इस बात को लेकर चिंता होती है कि बचत नहीं कर पा रहे हैं फिर आगे की राह कैसे कटेगी, यानी कुछ साल के बाद खर्चे और बढ़ जाएंगे, फिर कैसे मैनेज होगा.

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यहां हम आपको में रमेश के बारे में बता रहे हैं, रमेश फिलहाल 27 साल का है, और एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता है. रमेश की मंथली इनकम 30,000 रुपये है. वो सुरक्षित भविष्य के लिए निवेश करना चाहता है. लेकिन पैसा बचता नहीं है. रमेश को पता है कि उसकी आय सीमित है. इसलिए वो अब इसी इनकम के साथ सही वित्तीय प्लानिंग करना चाहता है, ताकि आगे चलकर एक छोटा घर, शादी का खर्च और बाकी जरूरतें पूरी हो सके. 

वित्तीय सलाहकार के मुताबिक रमेश को सबके पहले अपनी आय को दो भागों में बांटना होगा. एक भाग जरूरी खर्चों के लिए... जिसमें घर का किराया, ग्रोसरी, बिजली, पानी, इंटरनेट, ट्रांसपोर्ट और हेल्थ के लिए किए गए खर्च शामिल हो. रमेश को इसके लिए Monthly Spending Calculator (MS Calculator) की मदद लेनी होगी. 

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जैसा कि रमेश की आमदनी 30 हजार रुपये है, इसमें से 50 फीसदी आवश्यक खर्च के लिए, यानी 15000 रुपये.  
- घर का किराया: करीब 6,000 रुपये.
- राशन और बाकी घरेलू खर्च: 5,000 रुपये. 
- बिजली, पानी, इंटरनेट: 2,000 रुपये. 
- ट्रांसपोर्ट: 1,500 रुपये.
- हेल्थ: 500 रुपये

अब बात दूसरे भाग की, यानी बाकी के 15 हजार रुपये कैसे खर्च होंगे, इसमें मनोरंजन, घूमना-फिरना, हेल्थ इंश्योरेंस और सबसे खास निवेश शामिल है. रमेश को सबसे पहले अपनी इनकम का 20 फीसदी हिस्सा बचाना होगा, जो कि 6000 रुपये होता है. अब इस 6000 रुपये को मंथली SIP में लगाना होगा, इसके अलावा हेल्थ/टर्म इंश्योरेंस पर 1000 रुपये महीने खर्च कर सकते हैं, बाकी 1000 रुपये महीने इमरजेंसी फंड के तौर एक अलग अकाउंट में रखें. 

- SIP (म्यूचुअल फंड्स): 6,000 रुपये.
- इमरजेंसी फंड: 1,000 रुपये.
- हेल्थ/टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम: 1,000 रुपये.
- लाइफ स्टाइल और मनोरंजन पर 4000 रुपये खर्च कर सकते हैं, जिसमें कपड़े, बाहर खाना, मूवी, घूमना वगैरह शामिल होगा. 
- कर्ज चुकाने में (EMI): 3,000 रुपये.

- रमेश फिलहाल 30 हजार की सैलरी में कार लेने की कल्पना नहीं कर सकते, लेकिन वो इस सैलरी में एक टू-व्हीलर ले सकते हैं, जिसके ईएमआई 3000 मंथली हो सकती है. 

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हालांकि इन सबके बीच रमेश को सबसे पहले अपनी आमदनी बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए, क्योंकि आगे चलकर परिवार बढ़ेगा, खर्चे बढ़ेंगे. उन्हें अच्छी सैलरी वाली स्किल सीखने पर जो देना चाहिए, इसके लिए वो चाहें, तो बाइक न खरीदकर उसे पैसे से कोई शॉर्ट टर्म जॉब ओरिएंटेड कोर्स कर लें.

रमेश के लिए ये फॉर्मूला 

रमेश को ये भी ध्यान रखना होगा कि कम से कम 6 फीसदी सालाना दर से महंगाई बढ़ेगी. जिससे खर्च बढ़ेंगे, अगर जॉब बदलने की स्थिति में नहीं हैं तो फिर पार्ट टाइम जॉब की तलाश करें, जिससे कुछ मंथली इनकम हो जाए. 

रमेश के लिए फिलहाल 50-30-10-10 फॉर्मूले को अपनाया गया है. जो कि उसकी आय को ध्यान में रखकर बनाया गया है. सबसे पहले रमेश को 6000 रुपये महीने म्यूचुअल फंड में लगाना होगा, और नजरिया कम से कम 10 साल का होना चाहिए. 10 साल में 6000 रुपये की SIP पर 12 फीसदी सालाना हिसाब से रिटर्न जोड़े तो कुल 13,44,215 रुपये मिलेंगे, अगर 15 फीसदी सालाना रिटर्न मिल जाता है तो फिर 15,78,109 रुपये मिलेंगे. हालांकि रमेश को फ्यूचर में आमदनी बढ़ने के साथ निवेश की राशि भी बढ़ानी होगी.

हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस जरूरी

इसके अलावा रमेश को फिलहाल 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहिए, जिसका मासिक प्रीमियम 500 रुपये के आसपास होगा. साथ ही 50 लाख का टर्म इंश्योरेंस लेना होगा इसका भी प्रीमियम मासिक 500 रुपये पड़ेगा, यह उनके परिवार को वित्तीय सुरक्षा देगा, और सबसे पहला और जरूरी कदम होगा.

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