
'देख रहे हो विनोद...' पंचायत वेबसीरीज में एक्टर द्वारा बोली गई ये चौंकाने वाली लाइन इस समय सोने की कीमतों (Gold Rate) पर बिल्कुल सटीक बैठ रही है. दरअसल, बीते कुछ दिनों से गोल्ड रेट में ऐसा उछाल आया है कि इसने अपने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और अब ये लखटकिया (Gold@100000) हो चुका है. जी हां, सही सुना अगर आप Gold खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो बता दें कि 10 ग्राम सोने की कीमत 1 लाख रुपये के पार पहुंच चुकी है. ट्रंप टैरिफ से छिड़े ट्रेड वॉर और शेयर बाजारों में उथल-पुथल के बीच सोने ने चमकते हुए इतिहास रच दिया है.
MCX से घरेलू मार्केट तक चमका सोना
सोना एक ओर जहां मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी MCX पर तूफानी रफ्तार से उछला है, तो वहीं घरेलू मार्केट में भी ये हर रोज नए शिखर पर पहुंचता चला गया. एमसीएक्स पर साल 2025 की शुरुआत में 1 जनवरी को 78,212 रुपये प्रति 10 ग्राम था. लेकिन मंगलवार 22 अप्रैल को ये जोरदार तेजी के साथ 99,358 रुपये प्रति 10 ग्राम के लाइफ टाइम हाई पर जा पहुंचा. वहीं घरेलू मार्केट में मंगलवार को मार्केट खुलते ही इसने 1,00,000 रुपये का ऐतिहासिक स्तर पार कर लिया. इस साल सोने के दाम में आए उछाल को आंकड़ों में देखें तो,
तारीख | सोने का भाव |
1 जनवरी 2025 | 78,212 रुपये/10 ग्राम |
1 फरवरी 2025 | 83,394 रुपये/10 ग्राम |
3 मार्च 2025 | 86,161 रुपये/10 ग्राम |
1 अप्रैल 2025 | 90,875 रुपये/10 ग्राम |
22 अप्रैल 2025 | 100000 रुपये/10 ग्राम |
इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट IBJA.Com के मुताबिक, मंगलवार को घरेलू मार्केट में 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड का रेट 99,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. ये कीमत बिना GST और मेकिंग चार्ज के है. अब इसमें 3 फीसदी जीएसटी और ज्वैलर्स द्वारा लिए जाने वाले मेकिंग चार्ज को जोड़कर देखें, तो 10 Gram 24 Karat Gold Rate एक लाख रुपये के पार निकल जाता है. बता दें कि बीते कारोबारी दिन सोमवार को ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक, दिल्ली में सोना पहले ही करीब 1650 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़ोतरी के साथ 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर के करीब पहुंच गया था. 24 कैरेट गोल्ड का भाव 99,800 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया था.
ग्लोबल टेंशन और बाजार में उथल-पुथल का असर
सोने की कीमतों (Gold Price) में आई इस जोरदार तेजी के पीछे के काऱणों की बात करें, तो सबसे बड़ी वजह ट्रंप टैरिफ के चलते छिड़ा ट्रेड वॉर है, जिसने दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी उथल-पुथल मचा दी है. इसके चलते चीन और अमेरिका आमने-सामने हैं और एक-दूसरे पर भारी-भरकम टैरिफ लगा रहे हैं. इससे पैदा हुई मंदी की आशंका के बीच निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर भागने लगे हैं, जो सोना माना जाता रहा है. इस बीच डॉलर में लगातार गिरावट ने भी सोने की कीमतों को नई ऊंचाई तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है. इसके साथ ही अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में गिरावट का असर भी सोने की कीमतों में तेजी के रूप में देखने को मिला है. रॉयटर्स के मुताबिक, Dollar Index 97.92 पर पहुंच गया, जो इसका तीन साल का निचला स्तर है.
सुरक्षित निवेश का ठिकाना है Gold
सोने को अक्सर एक सुरक्षित निवेश (Safe Investment) माना जाता है, खासकर अनिश्चित आर्थिक परिस्थितियों में निवेशक पीली धातु की ओर भागते हैं. जब भी अर्थव्यवस्था की हालत खराब होती है, निवेशक सोने की ओर दौड़ पड़ते हैं जैसे कि यह आखिरी सहारा हो. इसके साथ ही, महंगाई चरम पर पहुंचे, बाजार में गिरावट और करेंसियों के टूटने के दौरान सोने का मूल्य लचीला होता है, बल्कि ज्यादा ही होता है. यह महंगाई के खिलाफ एक सेफ जोन के रूप में काम करता है और पोर्टफोलियो के जोखिम को कम करने में मददगार होता है.
रिटर्न देने में शेयर बाजार से आगे सोना
आमतौर पर निवेशक शेयर बाजार (Share Market) को जल्द पैसा कमाने की मशीन समझते हैं, लेकिन इस जोखिम भरे कारोबार में जहां एक पल में निवेशक आसमान पर पहुंच जाता है, तो अगले ही पल जमीन पर धड़ाम भी नजर आता है. अगर बात रिटर्न की करें, तो Gold ने रिटर्न के मामले में शेयर बाजार को भी पिछले 10 साल में पीछे छोड़ दिया है. सोने की कीमतें 26,343 रुपये (साल 2015) से 98,800 रुपये (साल 2025) तक पहुंच गई है, जो 265% रिटर्न है, जबकि निफ्टी (Nifty) 10 साल पहले करीब 7,825 अंक पर था, जो अब बढ़कर 24000 अंक तक पहुंचा है. यानी करीब 200% का रिटर्न है. सिर्फ साल 2025 में ही अब तक इसने 32 फीसदी का रिटर्न दिया है.
10 साल में कहां से कहां पहुंचा भाव
अगर बीते 10 साल सोने की कीमतों पर नजर डालें तो साल 2015 में करीब 26000 रुपये प्रति 10 ग्राम भाव था,जो अब बढ़कर 1 लाख रुपये को टच कर चुका है.
साल सोने की कीमत
2015 26,343 रुपये/10 ग्राम
2016 ₹28,623 रुपये/10 ग्राम
2017 ₹29,667 रुपये/10 ग्राम
2018 ₹31,438 रुपये/10 ग्राम
2019 ₹35,220 रुपये/10 ग्राम
2020 ₹48,651 रुपये/10 ग्राम
2021 ₹48,720 रुपये/10 ग्राम
2022 ₹52,670 रुपये/10 ग्राम
2023 ₹65,330 रुपये/10 ग्राम
2024 ₹77,913 रुपये/10 ग्राम
2025 ₹1,00,000 रुपये/10 ग्राम
5 साल में दोगुना हुआ Gold Rate
सोने की कीमतों में बीते पांच साल में आए बदलाव पर नजर डालें, तो साल 2020 से अब तक इसकी कीमत करीब दोगुनी (Gold Rate Double) हो गई है. जी हां, साल 2020 में 10 ग्राम सोने का भाव 50,151 रुपये था और अब अप्रैल 2025 में ये 1 लाख के पार पहुंच गया है. इस बीच मार्च 2023 में Gold ने 60,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का लेवल पार किया था और फिर अप्रैल 2024 में ये 70,000 रुपये पर पहुंचा था, इस साल 2025 की शुरुआत में ही सोना 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार निकला था. रिटर्न देखें तो 2025 में अब तक सोने ने 32 फीसदी का रिटर्न दिया है.
80% सोने का आयात, खपत में चीन से भी आगे भारत
सोने की खपत के मामले में भारत टॉप लिस्ट में शामिल है. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि भारत ने 2024 में 563.4 टन सोने के गहनों की खपत की और ये आंकड़ा चीन की खपत से कहीं ज्यादा है. जी हां चीन में 2024 में कुल खपत 511.4 टन रही थी. देश में सोने की खपत ज्यादा है और प्रोडक्शन कम है. ऐसे में अपनी जरूरत का 80 फीसदी सोना दूसरे देशों से आयात करता है. बता दें कि अच्छा गोल्ड रिजर्व को मजबूत इकोनॉमी का पैमाना भी माना जाता है.
भारत के पास कितना Gold?
भारत का गोल्ड रिजर्व लगातार बढ़ रहा है. बीते 11 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के दौरान देश के गोल्ड रिजर्व में तगड़ा उछाल दर्ज किया गया और ग्लोबल टेंशन के बीच ये तेजी आई है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, महज एक सप्ताह में ये 11,986 करोड़ रुपये बढ़ा है और इस वृद्धि के साथ, RBI के गोल्ड रिजर्व का कुल मूल्य बढ़कर 6,88,496 करोड़ रुपये हो गया. इससे पहले फरवरी, 2025 में India's Gold Reserve 840.76 टन था. वहीं साल 2024 की चौथी तिमाही तक ये बढ़कर 876.20 टन तक पहुंच गया था.
संकट में सोना ही सहारा, ये उदाहरण
सोने को ऐसे ही सुरक्षित निवेश का सबसे पसंदीदा ठिकाना नहीं माना जाता है, इतिहास पर गौर करें, तो जब भी देश या दुनिया पर आर्थिक संकट गहराया है, तो सोना ही सहारा बना है. फिर बात चाहे 2008 की आर्थिक मंदी की है, कोरोना काल की हो या फिर बड़े राजनीतिक उथल-पुथल का समय हो. जब बाजार से लेकर करेंसी तक धराशायी थे, तो Gold लगातार चमक रहा था. बता दे कि आर्थिक संकट में RBI अपने गोल्ड रिजर्व का इस्तेमाल करके देश की आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने की कोशिश करता है. यह सोने का उपयोग करके करेंसी की आपूर्ति को नियंत्रित करता है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता है.
अगर गोल्ड रिजर्व के मामले में टॉप देशों की लिस्ट को देखें, तो इस मामले में अमेरिका नंबर-1 पायदान पर काबिज है. वहीं टॉप-10 में भारत का भी नाम शामिल है.
देश | गोल्ड रिजर्व (फरवरी 2024 तक, सोर्स वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल) |
अमेरिका | 8,133.46 टन |
जर्मनी | 3,351.53 टन |
इटली | 2,451.84 टन |
फ्रांस | 2,436.97 टन |
रूस | 2,335.85 टन |
चीन | 2,264.32 टन |
भारत | 840.76 टन |
नीदरलैंड | 612.45 टन |
गौरतलब है कि देश में सोने को आभूषण के तौर पर खूब इस्तेमाल किया जाता है और संकट के समय सुरक्षित निवेश के तौर पर भी जाना जाता है. ऐसा अभी से नहीं है, बल्कि पुराने समय से Gold को पैसे के रूप में ही यूज किया जाता रहा है. रिटर्न के मामले में भी सोने के आगे पीछे कोई नहीं है, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सिर्फ साल 2025 में अब तक Gold Return 25 फीसदी रहा है.