एक ऐसा शेयर, जो थमने का नाम नहीं लेता है. इधर शुक्रवार को शेयर तीन हिस्सों में बंटा और उधर शेयर फिर से 7 फीसदी तक भाग गया. इस तेजी के साथ ही कंपनी का मार्केट कैप भी 1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है. हम बात कर रहे हैं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) लिमिटेड की.
BSE के शेयरों में जोरदार तेजी
दरअसल, शुक्रवार को कारोबार के दौरान BSE के शेयर 6.97% की बढ़त के साथ 2,488 रुपये प्रति शेयर तक पहुंच गया, हालांकि इस शेयर का 52 वीक हाई 2,529.33 रुपये है, जो इसने 20 मई 2025 को हासिल किया था. जबकि शेयर 52-वीक का न्यूनतम स्तर 705 रुपये है, जो इसने जुलाई 2024 में लगाया है, अपने 52 वीक लो से शेयर करीब 250% उछल चुका है.
मालूम हो कि BSE ने 30 अप्रैल 2025 को 2:1 के अनुपात में बोनस इश्यू की घोषणा की थी. इसका मतलब है कि प्रत्येक पात्र शेयरधारक को उनके पास मौजूद प्रत्येक एक इक्विटी शेयर (2 रुपये के अंकित मूल्य के) के लिए दो अतिरिक्त इक्विटी शेयर (2 रुपये के अंकित मूल्य के) मिलेंगे. कंपनी ने 23 मई 2025 को रिकॉर्ड डेट के रूप में निर्धारित किया था. आज शेयर में इसी वजह से तेजी देखी जा रही है.
5 साल में 53 गुना पैसा
पिछले 5 वर्षों में BSE के शेयरों में 5200% से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई है, जो इसे एक मल्टीबैगर स्टॉक बनाता है. पिछले एक वर्ष में यह लगभग 115% बढ़ा है, और 2025 में अब तक यह 30% चढ़ चुका है.
इस बीच वेंचुरा ने हाल ही में BSE पर कवरेज शुरू की और इसे 'बाय' रेटिंग दी है. वहीं जेफरीज ने BSE पर 'होल्ड' रेटिंग बरकरार रखी है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) ने BSE पर 'बाय' रेटिंग दी है, जिसमें 6,900 रुपये का उच्चतम लक्ष्य मूल्य निर्धारित किया गया है. फिलहाल शेयर सभी ब्रोकरेज के टारगेट प्राइस से ऊपर कारोबार कर रहा है.
विश्लेषकों ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे BSE के मजबूत ग्रोथ की संभावनाओं और हाल के बोनस इश्यू को ध्यान में रखें. हालांकि, निवेशकों को बाजार की अस्थिरता और नियामक जोखिमों के प्रति सतर्क रहना चाहिए. विश्लेषकों की सकारात्मक राय और रणनीतिक विस्तार योजनाएं BSE को लंबी अवधि के लिए एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाती हैं.
BSE की कहां से होती है कमाई
BSE एक सिक्योरिटीज एक्सचेंज के रूप में काम करता है, जो इक्विटी, डेरिवेटिव्स, डेट और अन्य वित्तीय साधनों में ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता है. कमाई की बात करें तो ट्रेडिंग वॉल्यूम के आधार पर कंपनी को ट्रांजैक्शन शुल्क मिलता है. साथ ही जब कंपनियां BSE पर अपने शेयरों को लिस्टिंग कराती हैं तो फिर लिस्टिंग शुल्क मिलता है. इसके अलावा टेक्नोलॉजी सपोर्ट भी कंपनी करती है.
(नोट: शेयर बाजार में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार मदद जरूर लें)