कर्ज के बोझ में दबी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्प लिमिटेड (डीएचएफएल) के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है. ये छापेमारी डीएचएफएल के मुंबई स्थित अलग-अलग ठिकानों पर की गई है.
क्या है डीएचएफएल पर आरोप?
आरोप है कि डीएचएफएल के सनब्लिंक रियल एस्टेट कंपनी से कारोबारी संबंध हैं. इसके मुताबिक डीएचएफएल ने रियल एस्टेट कंपनी को 2,186 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था. यह कर्ज अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी इकबाल मिर्ची को ट्रांसफर हुआ. इस मामले में सनब्लिंक रियल एस्टेट भी जांच के घेरे में है. बहरहाल, ईडी दस्तावेजों और अन्य सबूतों के आधार पर साक्ष्य की तलाश कर रही है.
ईडी की जांच रिपोर्ट के मुताबिक मिर्ची ने राबिया मैंशन, मैरियम लॉज और सी व्यू से जुड़ी तीन संपत्तियों के लिए सनब्लिंक डीएचएफएल से 2,186 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. ईडी की एक दस्तावेज के अनुसार, "आरोपी (रंजीत बिंद्रा) ने ब्रोकर के रूप में इन तीन संपत्तियों के संबंध में लंदन में इकबाल मिर्ची के साथ कई बैठक की. ब्रोकर ने ये बातचीत सनब्लिंक रियल एस्टेट एस्टेट लिमिटेड की तरफ से की थी."
बता दें कि मेमन इकबाल उर्फ इकबाल मिर्ची हत्या, हत्या का प्रयास, उगाही और ड्रग तस्करी समेत दर्जनों मामलों में वांछित था. वह 1993 के मुंबई सीरियल बम विस्फोट में भी आरोपी नहीं था. साल 2013 में इकबाल की मौत हो गई.
कंपनी को जून तिमाही में घाटा
ईडी की सख्ती ऐसे समय में बढ़ी है जब डीएचएफएल ने हाल ही में चालू वित्त वर्ष की जून में समाप्त पहली तिमाही के नतीजों का ऐलान किया है. इसके मुताबिक कंपनी को जून तिमाही में 242.48 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. इससे पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि में कंपनी को 431.71 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. समीक्षावधि में कंपनी की कुल आय घटकर 2,399.84 करोड़ रुपये रही. इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 3,154.25 करोड़ रुपये था.
बता दें कि डीएचएफएल पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही से भारी वित्तीय संकट से गुजर रही है. फरवरी, 2019 के बाद से कंपनी की क्रेडिट रेटिंग में लगातार नीचे आ रही है.