scorecardresearch
 

दुबई 'सुपर बबल' के कगार पर, निवेशक ने चेताया- गुरुग्राम को भी छोड़ा पीछे

दुबई और गुरुग्राम जैसे शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें हद से ज़्यादा बढ़ गई हैं, और एक्सपर्ट्स को डर है कि यह बुलबुला कभी भी फूट सकता है, इसलिए निवेशक सोच समझकर निवेश करें.

Advertisement
X
दुबई में लगातार बढ़ रहे हैं प्रॉपर्टी के रेट (Photo- Reuters)
दुबई में लगातार बढ़ रहे हैं प्रॉपर्टी के रेट (Photo- Reuters)

निवेशक और उद्यमी राजेश साहनी ने दुबई के रियल एस्टेट बाजार को "सुपर बबल" बताते हुए चेतावनी दी है, जो गुरुग्राम जैसे भारतीय शहरों में सट्टेबाजी की वृद्धि से भी कहीं अधिक है. साहनी और अन्य वित्तीय विशेषज्ञों ने इस बात पर चिंता जताई है कि दुबई और भारत के प्रमुख शहरी बाजारों में प्रॉपर्टी की कीमतें हद से ज़्यादा बढ़ चुकी हैं, और यह बुलबुला कभी भी फूट सकता है. UBS ने जहां दुबई में "बबल के खतरे" को ऊंचा बताया है, वहीं Fitch Ratings ने 2025-2026 में 'मामूली सुधार' का अनुमान लगाया है. 

'दुबई: रियल एस्टेट सुपर बबल' शीर्षक वाली एक पोस्ट में, साहनी ने बताया कि उन्होंने कुछ समय अपने चचेरे भाई के साथ बिताया, जो दुबई रियल एस्टेट में एक समझदार निवेशक रहे हैं.

यह भी पढ़ें: रियल एस्टेट निवेश का नया पावरहाउस, 2025 में $10.2 बिलियन की फंडिंग

राजेश साहनी ने निवेश की एक महत्वपूर्ण सीख साझा की, जो उन्हें दो अलग-अलग मौकों पर मिलीं.
साहनी ने अपने चचेरे भाई की निवेश सलाह का ज़िक्र करते हुए लिखा- "उन्होंने मुझे सलाह दी, 'आप जहां रहते हैं, वहां से 100 किलोमीटर से अधिक दूर किसी भी चीज़ में कभी निवेश न करें.'" साहनी के अनुसार, यह सलाह उन्हें 2002 में Sequoia Capital के दिग्गज निवेशक माइक मोरिट्ज़ के साथ हुई पहली मुलाकात की याद दिलाती है. उस वक्त मोरिट्ज़ ने अपने निवेश दर्शन को समझाते हुए कहा था- "Sequoia को बे एरिया (Bay Area) से बाहर किसी भी स्टार्टअप में निवेश करने की ज़रूरत नहीं है. वे ज़्यादा से ज़्यादा सैन फ्रांसिस्को तक ही निवेश करेंगे."

Advertisement

दुबई प्रॉपर्टी बाजार

दुबई और भारत के रियल एस्टेट बाज़ारों का हाल

रिपोर्ट में बताया गया है कि दुबई में कंस्ट्रक्शन का काम अब 2017 के स्तर के आस-पास पहुंच रहा है. साथ ही, विदेशी रियल एस्टेट निवेश को खींचने के लिए दुबई, अबू धाबी और रियाद के बीच तगड़ी टक्कर चल रही है. एक बड़ी फाइनेंशियल कंपनी UBS का कहना है कि दुबई की बुनियादी चीज़ें जैसे कि जनसंख्या का बढ़ना और सरकारी नियम  तो अभी भी मजबूत हैं, लेकिन अब वहां "बबल का खतरा बहुत बढ़ गया है." इसका मतलब है कि कीमतें कभी भी धड़ाम से गिर सकती हैं.

यह भी पढ़ें: बीच या पहाड़, सेकंड होम के लिए ये 5 शहर सबसे हॉट रियल एस्टेट डेस्टिनेशन

दुबई में 'सुधार' की चेतावनी

एक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी Fitch Ratings ने भी मई में चेतावनी दी थी. उनका कहना है कि दुबई में प्रॉपर्टी की कीमतें इस साल पीक पर पहुंचने के बाद, 2025 के अंत से 2026 के बीच "मामूली सुधार" देखेंगी. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह गिरावट शायद 15% से ज़्यादा नहीं होगी, और बैंक व कंस्ट्रक्शन कंपनियां इस बदलाव को झेलने में सक्षम होंगी.

गुरुग्राम में 'ताश के पत्तों का घर'

भारत में भी, बड़े शहरों के महंगे होते हाउसिंग मार्केट को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं. रियल एस्टेट के जानकार विशाल भार्गव ने हाल ही में गुरुग्राम के प्रॉपर्टी बूम को "ताश के पत्तों का घर" जैसा बताया था. उन्होंने चेताया है कि यहां सट्टा बहुत ज़्यादा हो रहा है. उनका कहना है कि 2021 से घरों की कीमतों में जो उछाल आया है, वह असली ज़रूरत के कारण कम और 'खतरनाक सट्टेबाजी' की वजह से ज़्यादा है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: सस्ते नहीं लग्जरी घर... कैसे नोएडा NCR के हाउसिंग मार्केट का नक्शा बदल रहा है

मेट्रो शहरों में प्रॉपर्टी खरीदना है 'सबसे बड़ी गलती'!

हेज फंड मैनेजर अक्षत श्रीवास्तव का कहना है कि भारत के मेट्रो शहरों में प्रॉपर्टी खरीदना एक महंगी गलती साबित हो सकता है. पिछले महीने उन्होंने लिखा था कि "किसी भारतीय मेट्रो में प्रॉपर्टी खरीदना आपकी सबसे बुरी गलतियों में से एक होने वाला है." उनके हिसाब से इसकी तीन मुख्य वजहें हैं. उनका मानना है कि पूरा बाजार बिल्डरों के हाथ में है, जिस वजह से आपको बहुत महंगा खरीदना पड़ता है. ज़्यादा कंस्ट्रक्शन शहरों में हद से ज़्यादा निर्माण हो रहा है, जिसके कारण इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत ज़्यादा दबाव पड़ रहा है.  इंफ्रास्ट्रक्चर की इन समस्याओं की वजह से ये बड़े शहर धीरे-धीरे 'रहने लायक' नहीं रह रहे हैं. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement