रिपोर्ट के अनुसार फ्रॉड करने वालों ने बड़ी आसानी से बैंक जाकर पीड़ित के खाते से लिंक मोबाइल नंबर चेंज करवाया. इससे जब उन्होंने पैसे ट्रांसफर किए, तो बैंक की तरफ से भेजा गया ओटीपी उस नये नंबर पर पहुंचा. जो चोरों के पास था. इस तरह उन्होंने पीड़ित को लाखों की चपत लगा दी.