पिछले दिनों नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने अनिल अंबानी को बड़ी राहत दी. ट्रिब्यूनल ने उन्हें रिलायंस कम्युनिकेशंस के वायरलेस बिजनेस को अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी को बेचने की इजाजत दे दी है.
आज कर्ज में डूबे अनिल अंबानी कभी अपने भाई मुकेश अंबानी को दौलत के मामले में कड़ी टक्कर देते थे. लेकिन धीरे-धीरे परिस्थितियां बदलीं और मुकेश अपने छोटे भाई को पीछे छोड़ते हुए काफी आगे निकल गए.
फोर्ब्स के मुताबिक आज मुकेश अंबानी की दौलत 40.2 अरब डॉलर (करीब 2.65 लाख करोड़ रुपये) है. वहीं, अनिल अंबानी अपने बड़े भाई से काफी पीछे हैं और उनकी दौलत 2.2 अरब डॉलर (तकरीबन 14520 करोड़ रुपये) है.
मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी 2006 में अलग हुए थे. इस दौरान इन्होंने रिलायंस के कारोबार को दो हिस्सों में बांटा था. 2006 से लेकर अब तक न सिर्फ अनिल की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन दिवालिया हो गई है, बल्कि उनकी संपत्ति भी घटी है.
फोर्ब्स रिच लिस्ट के मुताबिक 2007 में अनिल अंबानी की संपत्ति जहां 45 अरब डॉलर (करीब 2.97 लाख करोड़ रुपये) थी, तो वहीं, मुकेश अंबानी की नेट वर्थ 49 अरब डॉलर (3.23 लाख करोड़ रुपये) था. इस दौरान रिलायंस कम्युनिकेशंस में अनिल की सबसे ज्यादा भागीदारी 66 फीसदी थी.
करीब 11 साल बाद 2017 की फोर्ब्स रिच लिस्ट में मुकेश अनिल से पीछे नजर आए. इस दौरान मुकेश की दौलत जहां 38 अरब डॉलर (2.5 लाख करोड़ रुपये) थी. वहीं, अनिल का नेट वर्थ घटकर 3.15 अरब डॉलर (20790 करोड़ रुपये) पर आ गया था.
जियो की एंट्री ने बदला खेल:
मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो की एंट्री के साथ न सिर्फ टेलीकॉम सेक्टर में तहलका मचाया, बल्कि इसका असर रिलायंस टेलीकम्युनिकेशंस समेत कई छोटी-बड़ी टेलीकॉम कंपनियों के बिजनेस पर भी देखने को मिला.
जियो के चलते जहां मुकेश अंबानी की दौलत लगातार बढ़ती गई. वहीं, अनिल कर्ज के बोझ से दबते चले जा रहे थे. आज ऐसी नौबत है कि उन्हें अपना आरकॉम का वायरलेस बिजनेस अपने बड़े भाई को 18 हजार करोड़ रुपये में बेचना पड़ रहा है, ताकि वह कर्ज को चुका सकें. आरकॉम के दिवालिया होने की एक वजह लगातार कर्ज बढ़ना और कॉम्पीटिशन के साथ आगे न बढ़ पाना भी रही है.