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US ने भारत को दिया झटका! 8 लोगों और 10 कंपनियों पर लगाया बैन, वजह बना ईरान

अमेरिका ने भारत स्थित कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही 8 भारतिय नागरिगों को भी ईरानी तेल और एनर्जी आयात करने के आरोप में बैन कर दिया है.

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कच्‍चे तेल को लेकर अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध (Photo: Reuters)
कच्‍चे तेल को लेकर अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध (Photo: Reuters)

अमेरिका ने भारत के कुल 8 व्‍यक्तियों और उनकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. आधिकारिक बयानों के अनुसार, ईरान के ऊर्जा व्यापार में कथित रूप से मदद करने के आरोप में अमेरिका ने भारत स्थित 10 कंपनियों पर बैन लगा दिया है.

दरअसल, गुरुवार को अमेरिका ने ईरान के पेट्रोलियम और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) निर्यात से जुड़े 50 से ज्‍यादा व्‍यक्तियों, संस्‍थाओं और जहाजों पर कार्रवाई की थी और उन्‍हें व्‍यापार करने से रोक दिया. इसी के तहत भारत के 8 लोगों और कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है. 

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि वह ईरान की 'दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों' को सपोर्ट देने वाले पैसे को रोकने के लिए यह कदम उठा रहा है, जबकि ट्रेजरी डिपॉर्टमेंट ने तेहरान के एनर्जी एक्‍सपोर्ट नेटवर्क को खत्‍म करने पर जोर दिया. अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने कहा कि प्रतिबंध करने वाले व्‍यक्तियों और कंपनियों को चुन लिया गया है और उनकी संपत्त‍ि जब्‍त की जा सकती है. साथ ही अमेरिकी नागरिकों से कारोबारी लेनदेन भी बैन किया है. इसके अलावा, यात्रा प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं. 

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किन-किन कंपनियों पर लगाया गया बैन

  • नीति उन्मेष भट्ट ने अपनी कंपनी इंडिसोल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर जनवरी और दिसंबर 2024 के बीच एक अमेरिकी नामित फर्म से लगभग 74 मिलियन डॉलर प्राइस के  ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल्स का इम्‍पोर्ट किया. 
  • पीयूष मगनलाल जाविया और उनकी फर्म केमोविक प्राइवेट लिमिटेड, जिसने 2024 और 2025 के बीच 7 मिलियन डॉलर से ज्‍यादा ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल्स का आयात किया. 
  • कमला कनयालाल कासट, कुणाल कनयालाल कासट, और पूनम कुणाल कासट, जिनकी कंपनी हरेश पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड ने इसी अवधि में लगभग 10 मिलियन डॉलर के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पाद का इम्‍पोर्ट किया. 
  • मार्शल द्वीप स्थित बर्था शिपिंग इंक के मालिक वरुण पुला और उनके कोमोरोस ध्वज वाले जहाज PAMIR, जिसने जुलाई 2024 से चीन को लगभग 4 मिलियन बैरल ईरानी एलपीजी का आयात किया. 
  • इवी लाइन्स इंक के मालिक इयप्पन राजा और पनामा-ध्वजांकित सैफायर गैस, जिसने अप्रैल 2025 से चीन को 1 मिलियन बैरल से अधिक ईरानी एलपीजी पहुंचाया है. 
  • सोनिया श्रेष्ठा और उनकी कंपनी वेगा स्टार शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने जनवरी 2025 से ईरानी एलपीजी को पाकिस्तान लेकर गई.  
  • इसके अलावा भारतीय कंपनियां बीके सेल्स कॉर्पोरेशन, सीजे शाह एंड कंपनी, मोदी केम, पारीकेम रिसोर्सेज एलएलपी और शिव टेक्सकेम लिमिटेड भी इस लिस्‍ट में शामिल हैं. 

ट्रेजरी विभाग ने कहा कि इन्‍होंने सामूहिक रूप से अरबों डॉलर के पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों का आयात किया. साथ ही कहा कि यह राजस्व ईरान द्वारा आतंकवादी समूहों को दिए जा रहे समर्थन को सपोर्ट करता है. अब इन कंपनियों की संपत्तियां, जो अमेरिका में हैं या फिर अमेरिकी व्‍यक्तियों के कब्‍जे में हैं, उनको जब्‍त किया जाएगा. 

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