शेयर बाजार (Stock Market) में पिछले कुछ दिनों से शानदार दिखाई दे रही है. Nifty 25000 के ऊपर पहुंच चुका है, लेकिन कई निवेशक इसे लेकर खुश नहीं हैं, क्योंकि उन्हें अभी इसे लेकर डर सता रहा है. इस बीच, सैमको सिक्योरिटीज में मार्केट पर्सपेक्टिव्स एंड रिसर्च के प्रमुख अपूर्व शेठ ने दावा किया है कि यह कोई तेजी वाला मार्केट नहीं है, बल्कि तेजी का भ्रम है.
उन्होंने कहा, "अगर आप उन मुट्ठी भर हैवीवेट शेयरों में शामिल नहीं हैं, जो इंडेक्स को ऊपर खींच रहे हैं, तो आगे आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है. शेठ ने इस तथ्य की ओर ध्यान दिलाया कि निफ्टी माइक्रोकैप 250 अभी भी 15 अक्टूबर, 2024 के लेवल से 12.22 प्रतिशत नीचे है. Nifty मिडकैप 150 इंडेक्स में 6.09 की गिरावट आई है. तेजी आने के बाद भी निफ्टी 50 पिछले साल अक्टूबर में जहां था, वहीं पर है.''
कुछ लार्जकैप की वजह से आई है तेजी
सैमको सिक्योरिटीज के शेठ ने कहा कि हेडलाइन इंडेक्स नई ऊंचाईयों को छू रहा है. लेकिन यह कोई व्यापक आधार वाली तेजी नहीं है. यह कुछ लार्जकैप के नेतृत्व में एक छोटी सी रैली है, जबकि बाकी बाजार में गिरावट है.
क्यों मंदी जैसी लग रही ये तेजी?
उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में आए 20 IPO को छोड़कर, टॉप 750 शेयरों में से करीब 75 फीसदी शेयर यानी 730 में से 540 अभी भी घाटे में हैं. इस दौरान सिर्फ 190 शेयरों ने पॉजिटिव रिटर्न दिया है. शेठ ने कहा हि अगर आप उन 170 शेयरों में से किसी एक में फंसे हैं जो 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक नीचे हैं, तो यह तेजी मंदी जैसी लगती है.
इंडेक्स चल रहा है पोर्टफोलियो नहीं
शेठ ने बताया कि 15 अक्टूबर 2024 के बाद से 730 में से 363 शेयरों में 25 प्रतिशत तक की गिरावट आई है. कुल 170 अन्य शेयरों में 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक की गिरावट आई है. सात शेयरों में तो 50 प्रतिशत से भी अधिक की गिरावट आई है. उन्होंने आगे बताया कि Nifty50 7 महीने की लंबी गिरावट के बाद 25000 का आंकड़ा फिर से हासिल कर लिया है. लेकिन दिक्कत है कि इंडेक्स के चढ़ने के बावजूद अभी पोर्टफोलियों में उस हिसाब से तेजी नहीं आई है.
बाजार में क्यों आ रही तेजी?
ग्लोबल और स्थानीय अनिश्चितता के बावजूद घरेलू बाजार ने पिछले एक महीने में मजबूत प्रदर्शन किया है. बाार में मजबूत प्रदर्शन से पता चलता है कि बाजार अमेरिका के साथ चल रहे व्यापार और टैरिफ के अलावा भू-राजनीतिक तनाव के कम होने की उम्मीद से चढ़ रहा है. कोटक ने इस सप्ताह कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष में कमी से निवेशकों का सेंटिमेंट को सीमित बढ़ावा मिल सकता है, जिसमें रिस्क, कम इनकम ग्रोथ, इनकम में गिरावट और हाई टैरिफ के बीच अनिश्चित तौर पर संतुलित है.
(नोट- यहां बताई गई जानकारी ब्रोकरेज फर्म्स की राय है. aajtak.in इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता. किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)