भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) को शानदार मुनाफा होने वाला है. खबर है कि मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने कुछ समय पहले एक ब्लूचिप कंपनी में 500 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे और अब वे इस शेयर को बेचने की तैयारी कर रहा है. जिस कारण उसे बंपर मुनाफा होगा, जो करीब 2000% रिटर्न तक हो सकता है.
दरअसल, ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस 2008 के समय रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एशियन पेंट (Asian Paint) में 500 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे. यह निवेश अब बढ़कर 10500 करोड़ रुपये हो गया है. इसमें अभी डिविडेंड नहीं जोड़ा गया है. वहीं अगर डिविडेंड को जोड़ दिया जाए तो यह रिटर्न 20 गुना की जगह 24 गुना हो जाएगा.
एशियन पेंट्स में खरीदी थी इतनी हिस्सेदारी
RIL ने अपनी निवेश शाखा ओजस्वी ट्रेडिंग के माध्यम से जनवरी 2008 में एशियन पेंट्स में 4.9% हिस्सेदारी खरीदी थी, ठीक उस समय जब वैश्विक वित्तीय संकट और लेहमैन ब्रदर्स के पतन के कारण बाजार में उथल-पुथल मची हुई थी. आज यह विपरीत कदम ऐसे आंकड़ों के साथ फल दे रहा है, जिसकी कल्पना निजी इक्विटी के सपने भी कर सकते हैं.
अब शेयर बेचने की तैयारी में रिलायंस
ईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि RIL ने एशियन पेंट्स में अपनी पूरी 4.9% हिस्सेदारी खरीदने के लगभग दो दशक बाद उसे बेचने की योजना को फिर से शुरू किया है. इस कदम का समय निवेश जितना ही आकर्षक है. पिछले तीन सालों में एशियन पेंट्स के शेयरों में 25% की गिरावट आई है, जिससे यह उस अवधि में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले ब्लूचिप शेयरों में से एक बन गया है.
एशियन पेंट्स की तेजी से घट रही हिस्सेदारी
एलारा सिक्योरिटीज के अनुसार, एशियन पेंट्स की बाजार हिस्सेदारी वित्त वर्ष 25 में 59% से गिरकर 52% हो गई है. यह गिरावट बहुत तेज है और यह तेजी से हो रही है. Asian Paints के सीईओ अमित सिंगले ने हाल ही में निवेशकों से कहा कि हमारा विश्वास है कि एक ब्रांड के तौर पर हमें कंप्टीशन से निपटने के लिए ज्यादा टिकाऊ तरीके से कदम उठाने की आवश्यकता है.
पहले भी अंबानी कर चुके हैं हिस्सेदारी बेचने पर विचार
नुवामा ने हाल ही में एशियन पेंट्स के लिए अपने FY26-FY27 आय अनुमानों में 6-8% की कटौती की, FY28 तक मामूली 7.2% EPS CAGR का अनुमान लगाया है. इसने टारगेट प्राइस को भी घटाकर 2,200 रुपये कर दिया, अपनी रेटिंग को बनाए रखा और 45x आगे की आय का वैल्यूवेशन तय किया है. यह पहली बार नहीं है जब अंबानी ने इससे बाहर निकलने की तैयारी की है. पांच साल पहले भी रिलायंस ने अपने राइट्स इश्यू से पहले हिस्सेदारी बेचने पर विचार किया था.
(नोट- यहां बताए गए कंपनियों के शेयरों का टारगेट ब्रोकरेज फर्म्स की राय है. aajtak.in इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता. किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)