Gensol Engineer के शेयर क्रैश हो चुके हैं. यह शेयर कभी 2400 रुपये का हुआ करता था, लेकिन आज इसकी वैल्यू सिर्फ 122 रुपये ही रह गई है. ऐसे में बाजार के दिग्गज विजय केडिया ने निवेशकों को Gensol जैसे शेयरों से चेताया है. उनका कहना है कि जेनसोल जैसे शेयर मार्केट में छिपे हुए हैं और गिरने का इंतजार कर रहे हैं. यह आपकी संपत्ति को खत्म कर सकते हैं.
केडिया ने कहा कि कुछ ऐसे संकेत होते हैं, जिसके बारे में निवेशकों को जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे रिस्क भरे शेयरों से दूर हो सकें. केडिया ने कहा कि अभी भी कई जेनसोल बाजार में छिपे हुए हैं, जो समय के साथ बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं. उम्मीद है कि तब तक बहुत देर नहीं होगी.
Gensol में ऐसा क्या हुआ?
दरअसल, जून 2024 में सेबी के पास एक औपचारिक शिकायत दर्ज की गई थी जिसमें जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड पर पैसों के हेरफेर और फंड के दुरुप्रयोग का आरोप लगा था. सेबी की जांच में पता चला कि प्रमोटर और डायरेक्टर अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने पर्सनल लाभ के लिए कंपनी के फंड को धोखाधड़ी से डायवर्ट किया था.
रिपोर्टों से पता चलता है कि प्रमोटरों ने संबंधित संस्थाओं को मनी ट्रांसफर किया और कंपनी के संसाधनों का उपयोग निजी खर्चों के लिए किया, जिससे कॉर्पोरेट प्रशासन और निवेशकों का विश्वास कमजोर हुआ. पिछले छह महीनों में, Gensol Engineer के शेयरों में 85 प्रतिशत की गिरावट आई है.
केडिया ने बताया इन शेयरों से बचकर रहें
केडिया ने उन कंपनियों से बचने के लिए जोर दिया, जो अतिशयोक्ति दावे करती हैं या लगातार समाचार का जिक्र, सोशल मीडिया एक्टिविटी और लगातार इंटरव्यू के माध्यम से मीडिया में अपनी उपस्थिति बनाए रखती हैं. इतना ही नहीं अक्सर सबसे छोटी घटनाओं को भी बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती हैं.
उन्होंने कहा कि निवेशकों को उन कंपनियों से सावधान रहना चाहिए जो निवेश पर स्पष्टता के बिना बार-बार धन जुटाती हैं और प्रॉफिट बनाने के लिए अपने बिजनेस का बेवजह विस्तार करने पर फोकस रहती है.
कंपनियां जो बिना किसी वास्तविक तथ्य के आकर्षक बनाने के लिए AI-संचालित, नेक्स्ट जेनरेशन, विघटनकारी जैसे आकर्षक शब्दों का अत्यधिक उपयोग करती हैं, उनपर भी संदेह से देखा जाना चाहिए.
इसके अलावा, केडिया को ऐसे प्रमोटरों की लाइफस्टाइल पर भी ध्यान देना चाहिए, जो कंपनी के प्रदर्शन से मेल नहीं खाते. केडिया ने कहा कि प्रमोटर्स द्वारा उच्च स्तर की गिरवी रखना, सीएफओ, ऑडिटर और सीएक्सओ जैसे प्रमुख कर्मियों का बार-बार बाहर जाना और अत्यधिक संबंधित-पक्ष लेन-देन में शामिल होने जैसे रेड फ्लैग हैं.
(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)