सुबह की कमजोर शुरुआत के बाद अचानक दोपहर के बाद शेयर बाजार में तूफानी तेजी देखी जा रही है. BSE सेंसेक्स 1500 ऊपर चढ़कर कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी में 415 अंकों की उछाल आई है. इधर, निफ्टी बैंक (Nifty Bank) भी कमाल की तेजी दिखा रहा है. यह 1250 अंक उछलकर 54370 पर कारोबार कर रहा है. Nifty50 23,855 पर पहुंच चुका है और Sensex 78,566 पर पहुंच चुका है.
BSE के टॉप 30 शेयरों की बात करें तो 5 शेयरों को छोड़कर बाकी सभी में शानदार तेजी आई है. सबसे ज्यादा उछाल Zomato के शेयर में 3.13 फीसदी की है. इसके बाद भारती एयरटेल, ICICI Bank और SBI में भी 3 फीसदी की तेजी है. Tech Mahindra और Lt जैसे शेयर 1 फीसदी तक टूटे हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर (RIL Share) में करीब 2 फीसदी की तेजी है.
अचानक क्यों आई इतनी तेजी?
शेयर बाजार में तेजी की एक बड़ी वजह ये है कि चीन ने वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को घोषणा की कि वह अमेरिका के साथ आर्थिक और व्यापार वार्ता के लिए तैयार है, जिसके बाद ट्रेड वॉर का खतरा टलते हुए देखा जा रहा है. इसके अलावा, चीन ने अमेरिका से "धमकी और ब्लैकमेल की रणनीति" बंद करने का आग्रह किया है. इससे ट्रेड वॉर का खतरा टल चुका है.
इसके अलावा, हैवीवेट शेयरों में तेजी देखी जा रही है. निफ्टी बैंक ने भी मार्केट को ऊपर की ओर खींचा है. सरकारी बैंक के शेयर शानदार तेजी दिखा रहे हैं. वहीं चीन और जापान के मार्केट में भी रैली देखी जा रही है. वहीं फाइनेंशियल शेयरों में ज्यादा मजबूती रही.
इन शेयरों में शानदार तेजी
डिलीवरी के शेयर में करीब 7 फीसदी की तेजी देखी जा रही है. केफिन टेक्नोलॉजी में 6 फीसदी, Bharti Hexacom के शेयर 7%, Waaree Energies के शेयर 4.16 फीसदी, Zomato के शेयर 5.63%, ABB India के शेयर 4 फीसदी चढ़कर कारोबार कर रहे हैं.
विदेशी निवेशकों की खरीदारी
विदेशी संस्थगत निवेशकों ने लगातार दूसरे दिन शुद्ध खरीदार बने रहे, उन्होंने बुधवार को 3,936 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. केवल दो दिनों में कुल एफआईआई प्रवाह 10,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है.
जापान और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर अनिश्चितताओं के कारण भी धारणा कमजोर रही, जबकि व्यापारियों ने अमेरिका और जापान के बीच चल रही व्यापार वार्ता का आकलन किया, जिससे एशियाई बाजारों में तेजी आई. जापान के निक्केई में 0.7% की वृद्धि हुई, जबकि जापान द्वारा अमेरिका के साथ वार्ता शुरू करने के कारण येन कमजोर हुआ.
कमजोर होता डॉलर
डॉलर में गिरावट ने भारत जैसे उभरते बाजारों में निवेशकों की धारणा को बढ़ावा दिया है. कमजोर डॉलर आमतौर पर विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करता है और रुपये को सहारा देता है.
गुरुवार को डॉलर इंडेक्स फरवरी की शुरुआत में 109.88 से गिरकर 99.56 पर आ गया. इससे जोखिम वाली संपत्तियों, खासकर धातुओं जैसे क्षेत्रों में रुचि बढ़ाने में मदद मिली.
कच्चे तेल का प्रभाव
गुरुवार को तेल की कीमतें 66 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रही थीं, जिससे महंगाई की चिंताओं को कम करने में मदद मिली. ब्रेंट क्रूड 66.40 डॉलर के आसपास रहा, जबकि यू.एस. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) 62.90 डॉलर पर रहा.
(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)