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'140 करोड़ लोग देश की असली संपत्ति', अडानी एंटरप्राइजेज के डायरेक्टर बोले- भारत तरक्की की राह पर

प्रणव अडानी ने कहा कि भारत केवल दिल्‍ली या राजधानी शहर नहीं है, बल्कि भारत हृदयभूमि में रहता है, चाहे रांची हों, रायपुर हो, भुवनेश्‍वर हो या पूर्वोत्तर हो... यहीं पर असली भारत रहता है. 140 करोड़ जनता ही भारत की असली संपत्ति हैं.

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Pranav Adani
Pranav Adani

Adani Enterprises के डायरेक्‍टर प्रणव अडानी ने चिंतन रिसर्च फाउंडेशन (Chintan Research Foundation) के पहले स्थापना दिवस पर बोलते हुए कहा कि भारत के डेवलपमेंट की कहानी तब तक अधूरी रहेगी, जब तक देश के हृदयस्थल को आर्थिक मुख्यधारा में नहीं लाया जाता. उन्होंने कहा कि भारत केवल दिल्‍ली या राजधानी शहर नहीं है, बल्कि भारत हृदयभूमि में रहता है, चाहे रांची हों, रायपुर हो, भुवनेश्‍वर हो या पूर्वोत्तर हो... यहीं पर असली भारत रहता है. 140 करोड़ जनता ही भारत की असली संपत्ति हैं. 

प्रणव अडानी ने कहा कि हम चाहते हैं कि ये स्‍थल हमारे फोकस में रहें और देश की अर्थव्‍यवस्‍था में शामिल हों. उन्‍होंने समावेशी विकास के महत्‍व पर प्रकाश डाला और भारत के 140 करोड़ लोगों को देश की सबसे बड़ी संपत्ति बताई. अडानी ने कहा कि भारत इस समय बहुत ही अच्‍छी स्थिति में है. हमारे पास जो 1.4 अरब लोग हैं, वे हमारी असली संपत्ति हैं. अर्थव्‍यवस्‍था का 50% हिस्‍सा GDP Growth में लगा हुआ है और बाकी 50 फीसदी एक्टिव नहीं हैं. उन्‍होंने कहा कि इस पर वास्‍तव में फोकस करने की आवश्‍यकता है. 

अडानी ने कहा कि मुझे लगता है कि बाकी 50 फीसदी लोगों पर फोकस करने के बाद ही, वास्तविक भारतीय विकास की कहानी सामने आएगी और मैं बहुत आशावादी हूं. हम एक समूह के रूप में बहुत आशावादी हैं.  

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तीन सेक्‍टर्स पर फाउंडेशन का फोकस 
प्रणव अडानी ने यह बातें चिंतन रिसर्च के पहले फाउंडेशन डे पर कहीं. अडानी ने कहा कि यह फाउंडेशन तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें जलवायु परिवर्तन, व्यापार और भू-राजनीति शामिल है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि एक रिसर्च फाउंडेशन के पास बहुत सारी जिम्मेदारियां होती हैं. जैसा कि मैंने अपने भाषण में कहा, चिंतन रिसर्च फाउंडेशन तीन चीजों पर ध्यान केंद्रित करेगा - जलवायु परिवर्तन, व्यापार और भूराजनीति.'

छोटे शहरों पर निर्भर करेगी भारत की तरक्‍की 
उम्मीद है कि यह फाउंडेशन भारत की विकास संबंधी प्राथमिकताओं के अनुसार थिंक टैंक और रणनीतिक मंच के रूप में काम करेगा. अडानी अभी ऊर्जा फैलाने, वैश्विक व्यापार गतिशीलता और भू-राजनीतिक को आर्थिक तौर पर नया आकार दे रहे हैं, ऐसे में अडानी का फोकस अनुसंधान एजेंडे पर जोर महत्‍वपूर्ण है. प्रणव अडानी का कहना है कि भारत का लॉन्‍ग टर्म विकास न केवल इसके महानगरों पर निर्भर करेगा, बल्कि इसके छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों की क्षमता को उजागर करने पर भी निर्भर करेगा.

अडानी ने कहा, 'यही वह जगह है जहां असली भारत बसता है और यही वह जगह है जहां हम चाहते हैं कि वे हमारे ध्यान में आएं, हमारी केंद्रीय अर्थव्यवस्था में शामिल हो.'

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