बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की करारी शिकस्त के बाद लालू परिवार में विवाद बढ़ता ही जा रहा है. लालू यादव को किडनी देने वाली उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने भाई तेजस्वी यादव और उसके सहयोगी संजय यादव और रमीज पर गंभीर आरोप लगाए हैं. रोहिणी आचार्य ने पटना एयरपोर्ट पर दिए बयान में कहा कि उसे मारने के लिए घर में चप्पल उठाया गया.
जो रोहिणी यादव नतीजों से पहले तक अपने भाई तेजस्वी के कैंपेन में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही थीं अब उसे अपने परिवार से बाहर निकालने का दावा कर रही हैं. रोहिणी ने दिल्ली पहुंच कर रहा कि उसने अपने भाई तेजस्वी का त्याग कर दिया है.
रोहिणी की शादी के वक्त सिर्फ 13 साल के थे तेजस्वी
उनके इस बयान से साफ है कि अब दोनों भाई बहनों के रिश्तों में काफी खटास आ चुकी है लेकिन क्या आप जानते हैं जिस वक्त रोहिणी की शादी हुई थी उस वक्त तेजस्वी कितने छोटे थे और उनकी उम्र कितनी थी. रोहिणी आचार्य की शादी समरेश सिंह से 24 मई 2002 को हुई थी. समरेश सिंह एक निवेश-बैंकर/प्रोफेशनल हैं और सिंगापुर में रहते हैं. जिस वक्त रोहिणी आचार्य की शादी हुई थी उस वक्त तेजस्वी यादव सिर्फ 13 साल के थे. तेजस्वी यादव का जन्म नवंबर 1989 में हुआ था.
तेजस्वी यादव ने लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान एक चुनावी सभा में कहा था कि वो रोहिणी दीदी की गोद में खेल कर बड़े हुए हैं क्योंकि माता-पिता राजनीतिक वजहों से व्यस्त रहते थे और वही उन्हें खाना खिलाती थीं. रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर बहुत पहले तेजस्वी और खुद के बचपन की एक तस्वीर भी शेयर की थी और कहा था कि ये उनकी सबसे प्यारी तस्वीर है. इस तस्वीर में रोहिणी अपने लाडले भाई तेजस्वी के साथ बचपन में खेल रही थीं लेकिन अब यह रिश्ता टूट चुका है.
क्यों खराब हो गए रोहिणी और तेजस्वी के रिश्ते
लालू परिवार से जुड़े सूत्रों के अनुसार, चुनावी नतीजों के बाद लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी तेजस्वी यादव की कोर टीम के कामकाज के तरीके से बेहद असंतुष्ट बताए जा रहे थे. इसी मुद्दे को लेकर 15 नवंबर की दोपहर तेजस्वी और उनकी बहन रोहिणी आचार्य के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी. रोहिणी का मानना था कि आरजेडी की हार के लिए तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव और उनकी टीम ही सबसे ज़्यादा जिम्मेदार हैं.
तेजस्वी ने जब इस आरोप का विरोध किया, तो रोहिणी ने उल्टा उन पर ही सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि तेजस्वी केवल संजय यादव की सलाह पर ही चलते हैं और जब चुनावी रणनीति से लेकर नियंत्रण तक सबकुछ संजय यादव के हाथ में था, तो हार की जिम्मेदारी भी वही लें.
संजय-रमीज बने झगड़े की वजह
मामला यहीं नहीं रुका, बहस बढ़ते-बढ़ते इस कदर तीखी हो गई कि आरोपों के बीच रोहिणी ने संजय यादव के साले सुमित को तेजस्वी का पीए बनाए जाने पर भी आपत्ति जताई. साथ ही संजय के करीबी रमीज और अदनान की मनमानी और हस्तक्षेप का मुद्दा भी जोर से उठाया. बताया जा रहा है कि यह बहस इतना उग्र रूप ले गई कि दोनों भाई-बहन के बीच स्थिति चप्पल तक उठाने की नौबत आ गई.
माहौल खराब होता देख बड़ी बहन मीसा भारती को बीच में आकर स्थिति संभालनी पड़ी थी. इसके बाद रोहिणी आचार्य ने 15 नवंबर की शाम को सोशल मीडिया पर खुद को पार्टी और परिवार से अलग करने का ऐलान कर दिया और उसी शाम को पटना छोड़कर दिल्ली आ गईं.