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नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, गरीब परिवारों के लिए हर पंचायत में बनेंगे मैरिज हॉल, 40 अरब होंगे खर्च

बिहार सरकार ने 'मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना' के तहत सभी पंचायतों में विवाह भवन बनाने की घोषणा की है. इसके लिए 40,265 करोड़ की स्वीकृति दी गई है. विवाह भवनों का संचालन जीविका दीदियों द्वारा होगा, जिससे गरीब परिवारों को विवाह कार्यक्रमों में सुविधा और महिलाओं को रोजगार मिलेगा.

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नीतीश कुमार- फाइल फोटो
नीतीश कुमार- फाइल फोटो

विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने ग्रामीण जनता के हित में एक बड़ा फैसला लिया है. मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में 'मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना' को मंजूरी दे दी गई. इस योजना के तहत अब राज्य के सभी पंचायतों में विवाह भवनों का निर्माण कराया जाएगा, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों के विवाह कार्यक्रम में सुविधा मिल सके.

सरकार की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, योजना के लिए 40 अरब 26 करोड़ 50 लाख की स्वीकृति दी गई है. यह राशि प्रदेशभर के पंचायतों में विवाह भवनों के निर्माण में खर्च की जाएगी.

विवाह भवनों का संचालन करेंगी जीविका दीदियां
राज्य सरकार ने इस योजना में महिला सशक्तिकरण को भी जोड़ते हुए फैसला किया है कि इन विवाह भवनों का संचालन जीविका दीदियों के माध्यम से किया जाएगा. इससे एक ओर जहां बेटियों की शादी में सुविधा मिलेगी, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण महिलाओं को रोजगार और आत्मनिर्भरता का अवसर भी मिलेगा.

CM ने X पर शेयर की जानकारी
इसकी जानकारी देते हुए सीएम नीतीश कुमार ने X पर लिखा, 'मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह कार्यक्रम में सुविधा के लिए सभी पंचायतों में विवाह भवन का निर्माण कराएगी. आज कैबिनेट में ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना’ की मंजूरी दे दी गई है. पंचायतों में विवाह भवनों के निर्माण हेतु 40 अरब 26 करोड़ 50 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है. इन विवाह भवनों का संचालन जीविका दीदियों के द्वारा किया जाएगा. पंचायत स्तर पर विवाह भवनों के निर्माण से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को काफी फायदा होगा.'

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गरीब परिवारों को होगा सीधा लाभ
राज्य सरकार का मानना है कि पंचायत स्तर पर विवाह भवनों के निर्माण से उन गरीब परिवारों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा, जिनके पास शादी समारोह आयोजित करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं होते. अब उन्हें सामूहिक विवाह या निजी आयोजन के लिए एक सुरक्षित, सुलभ और सुसज्जित स्थान मिलेगा. इस फैसले से सरकार आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जनता के बीच अपनी सकारात्मक छवि को और मजबूत करने की कोशिश में है.

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