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नीतीश के लिए 'ओल्ड इज गोल्ड' या इस बार बदलेंगे टीम? कैसी होगी बिहार की नई कैबिनेट

बिहार विधानसभा चुनाव के बाद अब बारी सरकार के गठन की है. 20 नवंबर को गांधी मैदान में एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होगा. सवाल है कि नीतीश कुमार अपनी कैबिनेट में पुराने चेहरों को ही तवज्जो देंगे या फिर नए चेहरों को शामिल करेंगे.

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 बिहार में कैसी होगी नीतीश कुमार की कैबिनेट (Photo-ITG)
बिहार में कैसी होगी नीतीश कुमार की कैबिनेट (Photo-ITG)

बिहार में नई सरकार के गठन की तैयारी शुरू हो गई है. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कैबिनेट की बैठक के बाद राजभवन पहुंचे और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को विधानसभा भंग करने का पत्र सौंपा. 20 नवंबर को गांधी मैदान में एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण का कार्यक्रम रखा गया है.

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल सोमवार को ही कह चुके हैं कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे. ऐसे में साफ है कि बुधवार को एनडीए के विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लग सकती है, जिसके बाद दसवीं बार वो सीएम पद की शपथ लेंगे. इसी के साथ मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले चेहरों को लेकर सियासी मंथन जारी है.

बिहार विधानसभा के चुनावी मैदान में उतरे नीतीश कैबिनेट के 29 मंत्रियों में से 28 मंत्री जीत दर्ज करने में सफल रहे हैं. बीजेपी कोटे के 17 और जेडीयू कोटे के 12 मंत्री चुनाव मैदान में थे, जिनमें से जेडीयू के सुमित कुमार को छोड़कर सभी जीते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि नीतीश क्या अपने पुराने सिपहसालारों को मंत्रिमंडल में बरकरार रखेंगे या फिर नए चेहरों को जगह देकर नई टीम बनाएंगे?

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मंत्रिमंडल का फॉर्मूला तय हो गया?

बिहार के नए मंत्रिमंडल को लेकर एनडीए में छह विधायक पर एक मंत्री बनाने के फॉर्मूले पर कयास लगाए जा रहे हैं. इस लिहाज़ से जेडीयू के 15 से 16 मंत्री बनाए जा सकते हैं तो बीजेपी के 16 मंत्री बन सकते हैं. इसके अलावा चिराग पासवान की पार्टी को दो से तीन मंत्री पद मिल सकते हैं तो जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एक-एक मंत्री पद मिलने की संभावना है.

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केंद्रीय मंत्री व जेडीयू नेता ललन सिंह और जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा सोमवार शाम पटना से दिल्ली पहुंचे हैं, जहाँ पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के साथ मुलाकात करेंगे. बीजेपी और जेडीयू के बीच मंत्री पदों के बँटवारे, विभागों के बंटवारे और विधानमंडल की कार्ययोजना को लेकर चर्चा हो सकती है. इसके बाद कैबिनेट गठन का फाइनल फॉर्मूला सामने आएगा.

ओल्ड टीम से नीतीश चलाएंगे काम

नीतीश कुमार सरकार में जेडीयू कोटे के 12 मंत्री विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे थे, जिनमें से 11 ने जीत दर्ज की है जबकि मंत्री सुमित कुमार को हार का सामना करना पड़ा है. विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, लेशी सिंह, मदन सहनी, महेश्वर हजारी, शीला कुमारी, सुनील कुमार, जयंत राज, मोहम्मद जमाखान और रत्नेश सदा जीतकर विधानसभा में लौटे हैं.

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जेडीयू के ऐसे नेता हैं, जिन्हें नीतीश कुमार का करीबी समझा जाता है और पार्टी के दिग्गज नेता हैं. इस लिहाज़ से माना जा रहा है कि नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में उन्हें मौका मिल सकता है विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र यादव, श्रवण कुमार, लेशी सिंह, मदन सहनी और महेश्वर हजारी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, क्योंकि नीतीश कुमार ने 2015 से हर कैबिनेट में जगह दी है.

जेडीयू के जमा खान एनडीए के इकलौते मुस्लिम विधायक हैं, जिस वजह से उनके मंत्री बनने की संभावना है. इसके अलावा अशोक चौधरी के नाम की भी चर्चा है, जो विधान परिषद के सदस्य हैं और नीतीश के राइट हैंड माने जाते हैं. अब देखना है कि नीतीश दूसरे अन्य नए चेहरों को शामिल कर सकते हैं, जिसमें जयंत राज, संतोष निराला, शालिनी मिश्रा, उमेश कुशवाहा, भुलो मंडल और मंजीत सिंह के नामों की भी चर्चा है. जेडीयू मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल करने के मूड में नहीं है.

बीजेपी कोटे से कौन बनेगा मंत्री

बिहार में बीजेपी कोटे से बनाए जाने वाले मंत्रियों के नाम पर दिल्ली में मंथन चल रहा है. नीतीश सरकार की मौजूदा सरकार में 22 मंत्री बीजेपी कोटे से थे, जिनमें 17 मंत्री विधानसभा चुनाव में किस्मत आज़माने उतरे थे. बीजेपी के ये सभी मंत्री जीतने में सफल रहे हैं, जिसमें विजयी सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, डॉ. प्रेम कुमार, रेणु देवी, मंगल पांडेय, नीरज कुमार सिंह, नीतीश मिश्रा, नितिन नवीन, जिवेश कुमार, संजय सरावगी, कृष्णनंदन पासवान, केदार प्रसाद गुप्ता, सुरेंद्र मेहता, डॉ. सुनील कुमार, राजू कुमार सिंह, विजय मंडल और कृष्ण कुमार मंटू शामिल हैं.

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बीजेपी कोटे के सभी मंत्री जीतने में सफल रहे हैं, जिसके बाद देखना होगा कि नई कैबिनेट में किसे मौका मिलता है. बीजेपी अपने मंत्रियों की फेहरिस्त को बदलती रही है. 2020 में तारकेश्वर प्रसाद और रेणु देवी को डिप्टी सीएम बनाया था, लेकिन 2024 में दोबारा कैबिनेट गठन किया गया तो उन्हें जगह नहीं दी गई. इस लिहाज़ से माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार भी अपने मंत्रियों के चेहरे बदल सकती है, जिसमें कुछ पुराने चेहरों को ड्रॉप करके उनकी जगह नए नेताओं को मौका दे सकती है.

चिराग-कुशवाहा-मांझी किसे बनाएंगे मंत्री

चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (आर) को एनडीए सरकार में तीन मंत्री पद मिल सकते हैं. एलजेपी (आर) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी जीतकर आए हैं, माना जा रहा है कि उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है. इसके अलावा चिराग अपने दो अन्य विधायकों को मंत्री बना सकते हैं. वहीं, जीतनराम मांझी की पार्टी से उनके बेटे संतोष मांझी फिर से मंत्री बनाए जा सकते हैं तो उपेंद्र कुशवाहा अपनी पत्नी स्नेहलता को मंत्री बना सकते हैं. मांझी पहले भी अपने बेटे को मंत्री बना चुके थे.

NDA कैबिनेट की सोशल इंजीनियरिंग

बिहार में एनडीए की सरकार जिस तरह प्रचंड बहुमत के साथ जीतकर सत्ता में वापसी की है, उसमें सभी समाज का वोट उसे मिला है. ऐसे में माना जा रहा है कि उस लिहाज़ से कैबिनेट का गठन किया जाएगा. नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल में जेडीयू कोटे से ज़्यादातर पुराने चेहरों को मौका देंगे तो कुछ नए चेहरे भी शामिल कर सकते हैं.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस तरह से जेडीयू उम्मीदवारों के चयन में सोशल इंजीनियरिंग का बखूबी इस्तेमाल किया था, उसी तर्ज़ पर नीतीश कुमार कैबिनेट गठन में भी जातीय समीकरण को साधते हुए नज़र आएंगे. जेडीयू का ज़ोर ओबीसी और अति पिछड़े समुदाय के चेहरों पर होगा तो बीजेपी कोटे से अगड़ी जाति के नेता मंत्री बनाए जा सकते हैं. इसके अलावा बीजेपी ओबीसी समुदाय को भी कैबिनेट के ज़रिए साधने की कवायद करती नज़र आएगी.

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