Rohini Acharya speaks on feud in Lalu's family: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने जहां राजनीतिक समीकरण बदल दिए, वहीं लालू प्रसाद यादव के परिवार में चल रही अंदरूनी खटास भी खुलकर सामने आ गई. रोहिणी आचार्य, जिन्हें अब तक परिवार की सबसे मुखर और भावनात्मक आवाज़ माना जाता था, अचानक पार्टी और परिवार से दूरी बनाने का ऐलान करके सबको चौंका दिया.
रोहिणी आचार्य ने शनिवार को पार्टी और परिवार छोड़ने का ऐलान किया था. इसके बाद रविवार को यह मामला और तुल पकड़ता गया.
मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जो भी कुछ कहना था, ”मैंने अपने सोशल मीडिया पर कह दिया है. मैंने कभी झूठ नहीं बोला है.” पत्रकारों द्वारा सवाल पूछे जाने पर उन्होंने यह भी कहा कि अब आगे की स्थिति पर तेजस्वी यादव, संजय यादव, रेचल यादव और रमीज़ ही जवाब दें.
ससुराल जाने का फैसला
बयान के बाद रोहिणी ने एलान किया कि वह जल्द ही मुंबई अपने ससुराल जा रही हैं. उन्होंने बताया, “मेरे ससुराल वाले मेरी चिंता में हैं और उन्होंने मुझे वापस बुलाया है.” यह उनके लिए भावनात्मक मुद्दा बना हुआ है. वह पहले पटना से दिल्ली गईं.
तेजस्वी की चुप्पी
दिनभर की उठापटक के बावजूद परिवार के मुख्य सदस्य तेजस्वी यादव ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. संजय यादव एवं अन्य नामित सदस्यों ने भी चुप्पी साध रखी है.
पार्टी और राजनीतिक प्रतिक्रिया
आरजेडी के अंदरूनी सूत्रों और समर्थकों में सवाल उठने लगे हैं कि अगर परिवार की दरार सार्वजनिक हो जाएगी तो पार्टी पर क्या असर पड़ेगा. कुछ वरिष्ठ नेताओं ने परिवार को एकजुट रहने की सलाह दी है.
मामला क्या है?
पूरे विवाद की जड़ परिवार में आपसी रिश्तों, त्याग और जिम्मेदारी को लेकर है. रोहिणी के भावुक बयान से साफ है कि उन्होंने तेजस्वी से संवाद बंद कर दिया है और भविष्य में पार्टी व परिवार पर इसका असर पड़ सकता है.
लालू परिवार, जो बिहार की राजनीति का केंद्र रहा है, अब पारिवारिक दरार की वजह से चर्चा में है. आने वाले दिनों में इस घटनाक्रम के राजनीतिक अर्थ और परिवार की भावनात्मक स्थिति पर नजर रखना जरूरी होगा.