बिहार विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद प्रशांत किशोर की अगुवाई वाली पार्टी जनसुराज ने हार को स्वीकार कर लिया है. इस चुनाव में पार्टी का खाता तक नहीं खुला है. जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने एनडीए की प्रचंड जीत पर तंज कसते हुए बधाई दी. उन्होंने कहा इस बहुमत पर तब ज्यादा खुशी होती अगर ये सरकार के कामों पर मिलता लेकिन ये खरीदी गई बहुमत है.
उदय सिंह ने आरोप लगाया है कि बिहार में 40,000 करोड़ रुपये खर्च कर वोटों की खरीददारी हुई और बहुमत खरीद कर बिहार के भविष्य को बेचा गया. उन्होंने कहा, 'सरकार ने जनता का वोट नकद में खरीदा है और बिहार में हुआ बहुमत फर्ज़ी लागत पर हासिल किया गया है.'
14 हजार करोड़ रुपये से खरीदा वोट: उदय सिंह
उदय सिंह ने दावा किया कि विश्व बैंक से बिहार को किसी प्रोजेक्ट के लिए जो कर्ज मिला था उसके भी 14 हजार करोड़ रुपये इस चुनाव में वोट पाने के लिए खर्च किया गया है और इसी पैसे से लोगों के खाते में कैश ट्रांसफर किया गया.
जनसुराज के अध्यक्ष सिंह ने कहा, 'बिहार की जो जनता गरीबी में, मजबूरी में रहती हैं उसे जब इतना बड़ा पैसा मिला तो उसको लगा कि ये वरदान है इसी वजह से एनडीए को प्रचंड बहुमत मिला है.'
जनसुराज ने कहा कि हमारी मांग है कि जो भी मुख्यमंत्री बने वो साफ सुथरी सरकार बनाएं जिसमें भ्रष्ट और दागी मंत्रियों को जगह ना मिले. पिछले कैबिनेट में जिस तरह के लोग थे वैसे दागी लोग नई सरकार में नहीं होने चाहिए.
सड़कों पर निभाते रहेंगे विपक्ष की भूमिका: जनसुराज
पार्टी अध्यक्ष उदय सिंह कहा, 'जनसुराज की पूरी निगाह उन चीजों पर लगी रहेगी जिसका वादा पीएम मोदी और नीतीश ने बिहार के लोगों से किया है. जिस संकल्प के साथ हमने एक साल पहले पार्टी शुरू की थी वो दृढ़ता और संकल्प आगे भी दिखाई देता रहेगा.' सिंह ने कहा, 'हम जिस तरह से सरकार की नाकामियों को, भ्रष्टाचार को उजागर करते रहे हैं वो सिलसिला हमारा आगे भी चलता रहेगा.'
उदय सिंह ने कहा, 'जनसुराज को विधानसभा में विपक्ष में बैठने की भूमिका नहीं मिली लेकिन लोग हमें उनके हितों के लिए बाहर मजबूत विपक्ष के रूप में पाएंगे. सरकार के हर कदम पर हमारी पैनी नजर रहेगी.'