बिहार के बगहा अनुमंडल के खैर पोखरा गांव से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. शुक्रवार को गांव के 12 वर्षीय संदीप कुमार की खेलते समय चारपाई से गिरने से मौत हो गई थी. परिजन उसे लेकर अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. दुखी परिवार ने बच्चे का अंतिम संस्कार न कर शव को गांव में ही दफना दिया.
जानकारी के मुताबिक, अगले दिन (शनिवार को) एक महिला तांत्रिक गांव पहुंची और दावा किया कि वह संदीप को फिर से जीवित कर सकती है. शोक में डूबे परिजन और अंधविश्वास के गिरफ्त में आए ग्रामीणों ने तांत्रिक के कहने पर शव को जमीन से बाहर निकाला. तांत्रिक ने शव के चारों ओर रेखा खींची, अगरबत्तियां जलाईं और मंत्र पढ़ते हुए सरसों के दाने फेंकने लगी.
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इस घटना की खबर फैलते ही सैकड़ों ग्रामीण जमा हो गए. कई लोग पूजा में शामिल हो गए, जबकि कुछ मोबाइल से वीडियो बनाने लगे. भीड़ इतनी बढ़ गई कि पास की रेलवे लाइन तक पहुंच गई, जिससे यातायात व्यवस्था बाधित हो गई.
सूचना पर पहुंची बगहा पुलिस ने भीड़ को हटाया. फिर तांत्रिक महिला को गिरफ्तार किया और बच्चे के शव को फिर से दफन कराया गया. इस दौरान कुछ ग्रामीणों ने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया, जिसके बाद हल्का बल प्रयोग करना पड़ा.
थाना अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि फिलहाल स्थिति शांत है और महिला तांत्रिक से पूछताछ की जा रही है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि अफवाहों और अंधविश्वास से बचें और कानून का पालन करें.