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संजय यादव पर होगा बड़ा एक्शन? RJD की करारी हार के बाद लालू परिवार नाराज

मूल रूप से हरियाणा के महेंद्रगढ़ के रहने वाले संजय यादव राजनीति में आने से पहले वे एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे. बताया जाता है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में संजय यादव ने टिकट वितरण और रणनीति में बड़ी भूमिका निभाई.

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तेजस्वी के करीबी संजय यादव पर रोहिणी आचार्य ने गंभीर आरोप लगाए हैं (File Photo- ITG)
तेजस्वी के करीबी संजय यादव पर रोहिणी आचार्य ने गंभीर आरोप लगाए हैं (File Photo- ITG)

बिहार विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेलने के बाद आरजेडी के भीतर मंथन और मतभेद दोनों गहराए हुए हैं. पार्टी 75 से सिमटकर 25 सीटों पर आ गई है. इस बीच लालू यादव की लाडली बेटी रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले संजय यादव को घेरते हुए राजनीति छोड़ने और परिवार से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है.

इतना ही नहीं, शनिवार को रोहिणी जब पटना से दिल्ली रवाना हुईं तो एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कई बड़े आरोप लगाए.

यह पहली बार नहीं है जब संजय यादव को लेकर लालू परिवार के भीतर असंतोष सामने आया हो. तेज प्रताप यादव पहले ही कई बार सार्वजनिक मंचों पर संजय पर गंभीर आरोप लगा चुके हैं. वे मानते हैं कि संजय की वजह से उन्हें पार्टी से बेदखल किया गया और कई मौकों पर उन्हें 'जयचंद' कहकर निशाना बनाया. अब रोहिणी आचार्य का बयान इस नाराजगी को और पुख़्ता करता दिख रहा है. रोहिणी और तेज प्रताप ने आरजेडी की हार के लिए सीधे-सीधे संजय यादव को जिम्मेदार ठहराया है.

सूत्रों की मानें तो लालू परिवार में बढ़ती नाराजगी के बाद संजय यादव पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है.

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मेरा कोई परिवार नहीं: रोहिणी

पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए रोहिणी ने कहा, “मेरा कोई परिवार नहीं है. जाकर संजय यादव, रमीज और तेजस्वी से पूछिए. उन लोगों ने मुझे परिवार से निकाल दिया है. उन्हें जिम्मेदारी लेना नहीं है. जो चाणक्य बन रहा है, सवाल तो उसी से पूछा जाएगा.”

इतना ही नहीं, रोहिणी ने दावा किया कि पार्टी के भीतर संजय यादव और रमीज का नाम लेने पर लोगों को अपमानित किया जाता है. उन्होंने कहा, “जब संजय यादव और रमीज से सवाल किया जाएगा तो आपको घर से निकाल दिया जाएगा, बदनाम किया जाएगा, गाली दिया जाएगा और चप्पल उठाकर मारा जाएगा.”

टिकट शेयरिंग में संजय की भूमिका से कई नेता नाराज?

बताया जाता है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में संजय यादव ने टिकट वितरण और रणनीति में बड़ी भूमिका निभाई. कई नेताओं का टिकट कटना और सीटों के चयन को लेकर विवाद इन्हीं फैसलों से जुड़ा माना जा रहा है. पार्टी के भीतर कई वरिष्ठ नेताओं ने भी दबे सुर में इस पर आपत्ति जताई थी. तेजस्वी यादव के साथ हर अहम बैठक और गठबंधन की बातचीत में भी संजय की मौजूदगी ने पार्टी के भीतर असंतोष को बढ़ाया.

हरियाणा के रहने वाले हैं संजय

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मूल रूप से हरियाणा के महेंद्रगढ़ के रहने वाले संजय यादव राजनीति में आने से पहले वे एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे. जानकारी के मुताबिक संजय और तेजस्वी की दोस्ती बहुत पुरानी है. दोनों की पहली मुलाकात दिल्ली में हुई थी. दोनों पहले साथ में ही क्रिकेट खेला करते थे. तेजस्वी के कहने पर ही संजय यादव ने नौकरी छोड़ी और आरजेडी से जुड़कर काम करने लगे. आरजेडी ने 2024 से संजय यादव को राज्यसभा भेजा था.

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