'चीन के विमानों को रूस के ऊपर उड़ने से रोका जाए', ट्रंप प्रशासन का प्रस्ताव, दोनों देशों के बीच बढ़ेगा तनाव

अमेरिका का कहना है कि रूस के रास्ते उड़ान भरने से चीनी कंपनियों को समय और ईंधन की बचत का अनुचित फायदा मिल रहा है, जिससे अमेरिकी एयरलाइंस प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रही हैं. यह कदम ऐसे समय में आया है जब चीन ने दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव और बढ़ गया है.

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ट्रंप प्रशासन के प्रस्ताव से एयर चाइना, चाइना ईस्टर्न, जियामेन एयरलाइंस और चाइना सदर्न जैसी कंपनियां प्रभावित हो सकती हैं. (File Photo: ITG) ट्रंप प्रशासन के प्रस्ताव से एयर चाइना, चाइना ईस्टर्न, जियामेन एयरलाइंस और चाइना सदर्न जैसी कंपनियां प्रभावित हो सकती हैं. (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • वॉशिंगटन,
  • 10 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST

ट्रंप प्रशासन ने गुरुवार को प्रस्ताव रखा कि चीन की एयरलाइंस को रूस के ऊपर से होकर अमेरिका आने-जाने वाली उड़ानों के लिए प्रतिबंधित किया जाए. अमेरिका का कहना है कि रूस के हवाई क्षेत्र से उड़ान भरने से चीनी एयरलाइंस को उड़ान का समय कम करने और ईंधन की बचत का लाभ मिलता है, जिससे अमेरिकी एयरलाइंस प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाती हैं.

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यह कदम दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं- अमेरिका और चीन- के बीच जारी व्यापार युद्ध में एक और बड़ा तनाव पैदा कर सकता है. यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब बीजिंग ने गुरुवार को दुर्लभ खनिजों (rare earths) के निर्यात पर नियंत्रण और कड़े कर दिए हैं, जो कई अमेरिकी उद्योगों के लिए बेहद जरूरी हैं.

लंबे समय से विरोध कर रहीं अमेरिकी एयरलाइंस

अमेरिकी एयरलाइंस लंबे समय से इस बात का विरोध कर रही हैं कि चीनी कंपनियों को अमेरिका आने-जाने वाली उड़ानों के लिए रूस के ऊपर से उड़ान भरने की अनुमति क्यों दी गई है. उनका कहना है कि इससे चीन की कंपनियों को उड़ान का समय घटाने, कम ईंधन जलाने और लागत कम करने का फायदा मिलता है.

रूस ने अमेरिकी एयरलाइंस पर लगा दिया था बैन

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गौरतलब है कि रूस ने 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका की ओर से अपने विमानों पर लगाए गए प्रतिबंध के जवाब में अमेरिकी और कई अन्य विदेशी एयरलाइनों को अपने हवाई क्षेत्र से उड़ान भरने पर रोक लगा दी थी. हालांकि, चीनी एयरलाइंस पर यह प्रतिबंध लागू नहीं किया गया था, और वे इस रास्ते का इस्तेमाल कर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रही हैं. 

'हमें भारी नुकसान हो रहा'

अमेरिकी परिवहन विभाग (U.S. Transportation Department) ने अपने प्रस्ताव में कहा कि मौजूदा स्थिति 'अनुचित' है और इससे अमेरिकी एयरलाइंस को भारी नुकसान हो रहा है और वे प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रही हैं. हालांकि, विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि यह प्रस्ताव केवल यात्री उड़ानों पर लागू होगा- कार्गो (मालवाहक) उड़ानों पर नहीं. इस फैसले से एयर चाइना, चाइना ईस्टर्न, जियामेन एयरलाइंस और चाइना सदर्न जैसी कंपनियों की कुछ उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं.

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