भारत के साथ मई 2025 की लड़ाई हारने के बाद चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज बनने वाले पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने पड़ोसी अफगानिस्तान को बरगलाना कायम रखा है. पाकिस्तान के अड़ियल रवैये के कारण पाक-अफगान की शांति वार्ता पहले कतर में फेल हुई, फिर शांति की कोशिश पाकिस्तान के पुछल्ले तुर्की ने की. लेकिन पाकिस्तान यहां भी अड़ा रहा, नतीजतन ये कोशिश भी फेल रही है.
अब पाकिस्तान के चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) बनने के बाद आसिम मुनीर ने एक बार फिर से अफगानिस्तान को धमकाया है. आसिम मुनीर ने कहा है कि मैसेज क्लियर है, अफगानिस्तान या तो पाकिस्तान को चुने या फिर TTP को.
आसिम मुनीर ने पाकिस्तान की ओर से अफगानिस्तान के मासूम नागरिकों पर किए गए हमले को बेशर्मी से छिपाते हुए कहा कि टीटीपी की वजह से पाकिस्तान में आतंकी घटनाएं बढ़ी है. हालांकि उन्होंने पाकिस्तान के उन हमलों का जिक्र नहीं किया जो पाक सेना ने सोते हुए अफगानियों पर किया था.
जनरल आसिम मुनीर ने रावलपिंडी के गैरीसन शहर में अपने हेडक्वार्टर में ये बातें कहीं, जहां उन्हें सेना की तीनों शाखाओं से गार्ड ऑफ ऑनर मिला, जो पाकिस्तान के नए जॉइंट मिलिट्री कमांड की शुरुआत का प्रतीक थी.
मुनीर ने अधिकारियों को बताया कि, 'काबुल में तालिबान सरकार को एक "क्लियर मैसेज" दिया गया है, उसे पाकिस्तान और "फ़ितना अल-ख्वारिज" के बीच फ़ैसला करना होगा, यह शब्द पाकिस्तानी तालिबान के लिए प्रयोग में लाया जाता है. जिसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, या TTP के नाम से जाना जाता है.
पाकिस्तान की इस धमकी पर अफगानिस्तान ने अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं है.
बता दें कि अक्टूबर से दोनों पड़ोसी देशों के बीच रिश्ते खराब हो गए हैं, जब कई दिनों तक चली सीमा पर झड़पों में दर्जनों सैनिक, नागरिक और संदिग्ध आतंकवादी मारे गए और सैकड़ों लोग घायल हो गए.
यह हिंसा 9 अक्टूबर को काबुल में हुए धमाकों के बाद हुई, जिसके लिए तालिबान अधिकारियों ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था. अक्टूबर से कतर की मध्यस्थता से हुआ सीज़फ़ायर काफी हद तक कायम रहा है, हालांकि नवंबर में इस्तांबुल में तीन दौर की बातचीत के बावजूद वे किसी समझौते पर नहीं पहुंच पाए.
अब चर्चा है कि दोनों देशों के बीच शांति वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए सऊदी अरब की टीम अफगानिस्तान आ रही है.
अफगानिस्तान की वेबसाइट टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार आगे की बातचीत के लिए सऊदी अरब का एक प्रतिनिधिमंडल अफगानिस्तान और पाकिस्तान का दौरा कर सकता है.
राजनीतिक विश्लेषक यूसुफ अमीन ज़ज़ई ने कहा: “पाकिस्तान के साथ हमारी समस्या साफ है. पाकिस्तान को अफ़गान लोगों के प्रति अपनी दुश्मनी बंद करनी होगी. यही बातचीत का आधार है. क्या पाकिस्तान इसके लिए तैयार है? अगर हां, तो हम किसी भी देश में और किसी भी मुद्दे पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं.”
हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि सऊदी प्रतिनिधिमंडल अफगानिस्तान और पाकिस्तान का दौरा कब करेगा, लेकिन बीबीसी से नाम न बताने की शर्त पर बात करने वाले कई सूत्रों ने बताया कि रियाद में हाल ही में हुई बातचीत के दौरान, अफ़गान और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडलों ने बातचीत जारी रखने का वादा किया था.
aajtak.in