भारत को अकड़ दिखा रहा मालदीव लेकिन जमकर ले रहा ये फायदा

वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान भारत ने मालदीव में विकास परियोजनाओं पर लगभग 7.71 अरब रुपये खर्च किया है. यह खर्च निर्धारित बजट से लगभग दोगुना है. इसके अलावा भारत सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए भी मालदीव के बजट में बढ़ोतरी की है.

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (फाइल फोटो) भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:58 PM IST

राजनयिक तनाव के बीच मालदीव में भारत की परियोजनाओं में तेजी आई है. एक तरफ भारत सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए मालदीव के बजट में बढ़ोतरी की है. वहीं, वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने मालदीव में परियोजनाओं पर लगभग 7.71 अरब खर्च किया है. यह राशि बजट में प्रस्तावित 4 अरब रुपये से लगभग दोगुना है. 

वर्तमान वित्तीय वर्ष में मालदीव के बजट में बढ़ोतरी और पिछले वित्तीय वर्ष में बजट से दोगुना खर्च इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मालदीव में अक्टूबर में हुए आम चुनाव में मुइज्जू की जीत के बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव चरम पर है. राष्ट्रपति मुइज्जू और उनकी पार्टी को चीन समर्थक बताया जाता है. राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की ओर से भारतीय सैनिकों को देश छोड़ने की मांग के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आई है. 

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समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के एक शीर्ष अधिकारी और सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 यानी मार्च में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के दौरान भारत ने मालदीव में परियोजनाओं पर लगभग 7.71 अरब रुपये खर्च किया है. यह खर्च निर्धारित बजट से लगभग दोगुना है. 

मालदीव के लिए टू-फोल्ड इंगेजमेंट

मामले से अवगत एक अधिकारी का कहना है कि दोनों देशों के बीच उत्पन्न हुए राजनयिक तनाव के बावजूद भारत का डेवलपमेंट प्रोजेक्ट बंद नहीं हुआ है या किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि भारत की मालदीव के प्रति टू-फोल्ड इंगेजमेंट की रणनीति है. 

नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी ने आगे कहा, "राजनयिक तनाव के बावजूद मालदीव में भारत की परियोजनाओं में तेजी आई है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में मालदीव के बजट में बढ़ोतरी भी इसका संकेत है. हालांकि, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कार्यालय ने इस मामले को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है. 

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मालदीव में भारत का डेवलपमेंट प्रोजेक्ट

रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव में भारत के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में राजधानी माले के आस-पास सड़कों और पुलों के लिए 500 मिलियन डॉलर और दूर-दराज के द्वीपों में दो हवाई अड्डे के लिए 130 मिलियन डॉलर की राशि आवंटित की गई है. भारत यह मदद 'लाइन ऑफ क्रेडिट' के तहत कर रहा है.

मालदीव के राष्ट्रपति अक्सर सबसे पहले भारत का दौरा किया करते थे लेकिन मुइज्जू ने इस परंपरा को तोड़ते हुए सबसे पहले तुर्की का दौरा किया. यहीं नहीं, मुइज्जू ने पिछले महीने बीजिंग की भी राजकीय यात्रा की थी लेकिन अभी तक उन्होंने भारत का दौरा नहीं किया है. 

एक फरवरी को संसद में पेश किए गए बजट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भारत ने मालदीव में सिर्फ 1.83 अरब रुपये खर्च किया था. जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़कर 7.71 अरब रुपये हो गया है. भारत द्वारा पड़ोसी देशों के विकास परियोजनाओं में खर्च के मामले में मालदीव दूसरे स्थान पर आ गया है. भारत ने सबसे ज्यादा भूटान के विकास परियोजनाओं में 24 अरब रुपए खर्च किए हैं.

वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में भी बढ़ोतरी

एक फरवरी को संसद में पेश हुए बजट में मालदीव के लिए छह अरब रुपये की राशि आवंटित की गई थी. लेकिन बाद में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि मालदीव के लिए आवंटित बजट को संशोधित करते हुए बढ़ा दी गई है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, वर्तमान वित्तीय बजट में मालदीव के लिए लगभग 7.8 अरब रुपये आवंटित है.

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