ब्रिटेन में पैगंबर मोहम्मद की बेटी पर बनी फिल्म का इमाम ने किया विरोध, सरकार ने की कार्रवाई

ब्रिटेन की सरकार ने इस्लामोफोबिया पर अपने सलाहकार इमाम को पद से हटा दिया है. इमाम ने पैगंबर मोहम्मद की बेटी पर बनी एक फिल्म को बैन करने का समर्थन किया था. सरकार ने उन्हें पद से हटाते हुए कहा है कि इमाम ने अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया.

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पैगंबर की बेटी पर बनी फिल्म का एक दृश्य (Photo-Twitter| @TLOHmovie) पैगंबर की बेटी पर बनी फिल्म का एक दृश्य (Photo-Twitter| @TLOHmovie)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2022,
  • अपडेटेड 9:41 PM IST
  • पैगंबर मोहम्मद की बेटी पर बनी फिल्म को लेकर ब्रिटेन में विवाद
  • बर्खास्त किए गए सरकारी इमाम
  • इमाम ने किया था फिल्म बेैन करने का समर्थन

ब्रिटेन में पैगंबर मोहम्मद की बेटी लेडी फातिमा पर बनी फिल्म 'The lady Of Heaven' को लेकर हुए विवाद के बीच एक इमाम को ब्रिटिश सरकार ने सरकारी नौकरी से निकाल दिया है. इमाम कारी आसिम इस्लामोफोबिया पर ब्रिटेन सरकार के स्वतंत्र सलाहकार के रूप में कार्यरत थे जिन्हें शनिवार को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया. इमाम लेडी फातिमा पर बनी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के अभियान का समर्थन कर रहे थे, इसी कारण उन पर ये कार्रवाई की गई.

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बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कारी आसिम 2012 में लीड्स में सामुदायिक सद्भाव बनाने के लिए 'ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर' (एमबीई) के सदस्य नियुक्त किए गए थे. इमाम को लेवलिंग अप, हाउसिंग एंड कम्युनिटीज विभाग की तरफ से एक पत्र द्वारा बताया गया कि उन्हें उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया है.

सरकार की तरफ से कहा गया कि उनकी नौकरी इसलिए समाप्त की गई क्योंकि उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करने के अभियान को समर्थन दिया है.

फिल्म को लेकर चल रहे अभियान के बीच असीम ने एक बयान जारी किया था जिसमें उन्होंने 'द लेडी ऑफ हेवन' को एक 'अपमानजनक फिल्म' करार दिया था. बयान में उन्होंने फिल्म की आलोचना करते हुए कहा था कि फिल्म ने मुसलमानों को बहुत चोट पहुंचाई है.

ब्रिटिश सरकार की वेबसाइट पर शनिवार को असीम की बर्खास्तगी को लेकर एक पत्र प्रकाशित किया गया जिसमें कहा गया, 'हमारे पास नियुक्ति वापस लेने और सरकार में आपकी भूमिका को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. आपने स्वतंत्र अभिव्यक्ति को सीमित करने के अभियान को समर्थन दिया है. ये एक ऐसा अभियान है जिसने सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दिया है. इसका मतलब ये हुआ कि सामुदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए सरकार की भूमिका के साथ आप काम जारी रखने के लिए उपयुक्त व्यक्ति नहीं हैं.'

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पत्र में आगे कहा गया, 'आपने निस्संदेह अलग-अलग सिनेमाघरों के बाहर के हालात की रिपोर्टें देखी होंगी. इनमें सांप्रदायिक नारेबाजी और शिया विरोधी वीडियो शामिल हैं. ऐसी बातों का हमेशा विरोध किया जाना चाहिए. लेकिन हमें ये देखकर निराशा हुई कि आप इन सब चीजों की निंदा करने में विफल रहे.

फिल्म की रिलीज के बाद से ही ब्रिटेन में छिड़ा है विवाद

3 जून को फिल्म की रिलीज के बाद से ही ब्रिटेन में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. इस सप्ताह की शुरुआत में, चेंज डॉट ओआरजी की तरफ से सिनेमाघरों से हटाने की मांग करने वाली एक याचिका के बाद ब्रिटेन के कई सिनेमाघरों ने फिल्म की स्क्रीनिंग रद्द कर दी. याचिका में कहा गया है कि फिल्म सभी मुसलमानों का दिल दुखाने और इस्लाम पर झूठी जानकारी फैलाने के लिए बनाई गई है.

फिल्म पर क्यों है विवाद?

'The lady Of Heaven' पैगंबर मोहम्मद की बेटी लेडी फातिमा की कहानी पर आधारित है. इस तरह की ये पहली फिल्म है. इस फिल्म पर सुन्नी और शिया समुदायों के विचार अलग-अलग हैं. फिल्म के आलोचक इसे 'ईशनिंदा' कह रहे हैं. 

इसे शिया मुस्लिम धर्मगुरु शेख यासिर अल-हबीब ने लिखा है. फिल्म में लेडी फातिमा की मौत को दिखाया गया है और उन्हें 'आतंकवाद का पहला शिकार' बताया गया है. फिल्म इस्लाम के भविष्यक्ताओं के चित्रण पर आधारित है. ये एक ऐसा विषय है जिस पर लंबे समय से विवाद होता आया है.

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इस्लाम में पैगंबर या उनके परिवार के किसी व्यक्ति का चित्र बनाना या मूर्तिपूजा पूरी तरह से प्रतिबंधित है लेकिन फिल्म में CGI तकनीक, लाइटिंग और विजुअल इफेक्ट का इस्तेमाल कर लेडी फातिमा का चित्रण किया गया है. फिल्ममेकर्स कह रहे हैं कि इस हिसाब से उन्होंने इस्लामी परंपराओं का उल्लंघन नहीं किया है. 

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