'नकल के लिए भी अकल चाहिए...', आसिम मुनीर की फोटो कंट्रोवर्सी पर ओवैसी ने कुवैत में कसा तंज

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक फ्रेम की हुई तस्वीर भेंट की, जिसमें दावा किया गया कि यह तस्वीर भारतीय ठिकानों पर एक पाकिस्तानी हमले की है. लेकिन जल्द ही यह खुलासा हो गया कि यह तस्वीर 2019 की एक चीनी सैन्य ड्रिल की है, जिसमें PHL-03 मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर को दिखाया गया है.

Advertisement
AIMIM प्रमुख ओवैसी (फाइल फोटो) AIMIM प्रमुख ओवैसी (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2025,
  • अपडेटेड 6:32 AM IST

कुवैत में भारतीय प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान की सेना और सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने पाकिस्तान द्वारा एक चीनी सैन्य अभ्यास की पुरानी तस्वीर को ‘भारत पर जीत’ के रूप में पेश करने पर तीखा तंज कसा. ओवैसी ने इस कदम को न केवल हास्यास्पद बताया बल्कि इसे पाकिस्तान की बौखलाहट और रणनीतिक नाकामी का प्रतीक भी करार दिया.

Advertisement

अपने संबोधन में ओवैसी ने कहा, “कल पाकिस्तानी आर्मी चीफ ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक फोटो भेंट की. ये जोकर भारत से मुकाबला करना चाहते हैं. उन्होंने 2019 की चीनी सेना की एक ड्रिल की तस्वीर दी और कहा कि ये भारत पर जीत का सबूत है. ये है पाकिस्तान की हकीकत. नकल करने के लिए भी अकल चाहिए, और इनके पास तो वो भी नहीं है.”

ओवैसी ने पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे झूठे प्रचार से सतर्क रहने की भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा, “जो कुछ भी पाकिस्तान कह रहा है, उस पर भरोसा करना तो दूर, उसे चुटकी भर नमक के साथ भी नहीं लेना चाहिए.”

क्या है पूरा मामला?

हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में यह सामने आया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक फ्रेम की हुई तस्वीर भेंट की, जिसमें दावा किया गया कि यह तस्वीर भारतीय ठिकानों पर एक पाकिस्तानी हमले की है. लेकिन जल्द ही यह खुलासा हो गया कि यह तस्वीर  2019 की एक चीनी सैन्य ड्रिल की है, जिसमें PHL-03 मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर को दिखाया गया है.

Advertisement

यह तस्वीर चीनी फोटोग्राफर हुआंग हाई द्वारा खींची गई थी और इसे पिछले पांच वर्षों में कई बार विभिन्न मीडिया में उपयोग किया जा चुका है. बावजूद इसके, पाकिस्तान की सेना ने इसे ‘भारत पर विजय’ के रूप में पेश करने की कोशिश की.

TRF और Pahalgam हमले में पाकिस्तान की भूमिका उजागर

ओवैसी ने अपने संबोधन में दिसंबर 2023 और मई 2024 की घटनाओं का हवाला देते हुए बताया कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति को सूचित किया था कि The Resistance Front (TRF), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का नया नाम है. उन्होंने कहा, "दिसंबर 2023 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र को बताया कि TRF लश्कर का ही नया नाम है. मई 2024 में हमने फिर कहा कि यह पाक-आधारित आतंकी समूह भारत पर हमले की योजना बना रहा है. सुरक्षा परिषद ने बयान जारी किया, लेकिन पाकिस्तान ने TRF का नाम उसमें न आने देने की पूरी कोशिश की, क्यों?"

उन्होंने बताया कि TRF ने चार बार Pahalgam आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली और भारत की दो खुफिया एजेंसियों ने इस बात का प्रमाण इकट्ठा किया कि वे बयान पाकिस्तानी सैन्य छावनी के नजदीक से जारी किए गए थे. इससे पाकिस्तान की आतंकवाद में सीधी भूमिका उजागर होती है.

Advertisement

FATF ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान की वापसी की मांग

ओवैसी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि पाकिस्तान को दोबारा FATF (Financial Action Task Force) की ग्रे लिस्ट में डाला जाए. उन्होंने इसके पीछे स्पष्ट कारण भी बताए. उन्होंने कहा, "FATF ग्रे लिस्ट में आने से एक देश पर आर्थिक लेन-देन को लेकर सख्त निगरानी होती है. पाकिस्तान मिडल ईस्ट में हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये भारत के खिलाफ आतंकी समूहों को फंडिंग करता है."

उन्होंने यह भी चेताया कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा मिलने वाला 2 अरब डॉलर का कर्ज सीधे-सीधे वहां की सैन्य व्यवस्था और आतंकियों के नेटवर्क को मजबूत करने में इस्तेमाल किया जाएगा. ओवैसी ने कहा, "FATF की निगरानी इसलिए जरूरी है क्योंकि यह पैसा आतंकवाद में इस्तेमाल होगा, ना कि पाकिस्तान की जनता की भलाई में."

पाकिस्तानी सेना का प्रचार तंत्र एक्सपोज़

पाकिस्तान की इस हरकत को विशेषज्ञ एक संगठित प्रचार प्रयास के रूप में देख रहे हैं, जिसका मकसद देश के भीतर जनता का मनोबल बढ़ाना और वास्तविक सैन्य कमजोरी को छिपाना है. जबकि भारत ने बालाकोट स्ट्राइक जैसे मामलों में वास्तविक फोटो, वीडियो और उपग्रह प्रमाण साझा किए हैं, वहीं पाकिस्तान झूठे दावों और फर्जी तस्वीरों के भरोसे चल रहा है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement