अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पूर्व निजी अटॉर्नी एलिना हब्बा ने सोमवार को न्यू जर्सी जिले के कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी के पद से इस्तीफा दे दिया है. सीनेट की पुष्टि के बिना उनकी नियुक्ति की वैधता को लेकर तीन महीने से चल रही कानूनी लड़ाई के बाद यह फैसला आया है.
हब्बा ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि वह अपने कार्यालय की स्थिरता और अखंडता की रक्षा के लिए यह कदम उठा रही हैं. हालांकि, उन्होंने संघीय अपीलीय अदालत के उस फैसले की आलोचना की जिसने बिना सीनेट की पुष्टि के उनकी सेवा को अवैध बताया था.
हब्बा (41) ने कोर्ट के फैसले को राजनीतिक बताते हुए कहा, "लेकिन अनुपालन को समर्पण न समझें." उन्होंने कहा कि प्रशासन उन्हें पद से हटाने वाले कोर्ट के फैसलों के खिलाफ अपनी अपील जारी रखेगा.
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उनका यह इस्तीफा कोर्ट की लगातार हार के बाद आया है. अगस्त में एक संघीय न्यायाधीश ने उन्हें गैरकानूनी रूप से कार्य करने वाला घोषित किया था और पिछले सप्ताह एक अपीलीय पैनल ने इस फैसले को बरकरार रखा था.
हब्बा ने अपने विदाई संदेश में अपने कार्यकाल को कड़ी मेहनत से हासिल की गई उपलब्धियों का दौर बताया. उन्होंने अपनी टीम को अपराध कम करने, हिंसक नेटवर्क को खत्म करने और पूरे राज्य में बड़ी सजाएं दिलाने का श्रेय दिया.
हालांकि, हब्बा का प्रॉसिक्यूटर के रूप में कोई संघीय अनुभव नहीं था. न्यू जर्सी के दो डेमोक्रेटिक सीनेटरों ने उनकी पुष्टि का समर्थन नहीं करने की बात स्पष्ट कर दी थी, जिससे सीनेट के माध्यम से उनके स्थायी होने का रास्ता बंद हो गया था. हब्बा अभी अटॉर्नी जनरल के लिए सीनियर एडवाइजर के रूप में प्रशासन में बनी रहेंगी.
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