उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. ताजा घटना कैसरगंज के मल्लाहन पुरवा गांव की है, जहां एक भेड़िया शनिवार रात घर में घुस आया और चार माह के मासूम सुभाष को उठा ले गया. बच्चा संतोष और किरण का इकलौता बेटा था.
घटना रात करीब 12:30 बजे की बताई जा रही है, जब घर के भीतर सो रहे बच्चे को भेड़िया दबे पांव उठा ले गया और किसी को भनक भी नहीं लगी. सुबह होते ही परिवार में कोहराम मच गया और गांव में दहशत फैल गई.
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10 घंटे बाद कपड़े मिले, बच्चा नहीं
करीब 10 घंटे बाद गांव से कुछ दूरी पर बच्चे के कपड़े और उसके शरीर के कुछ लोथड़े बरामद किए गए. हालांकि, अब तक वन विभाग को आदमखोर भेड़िए का कोई सुराग नहीं मिला है. टीम लगातार इलाके में तलाश कर रही है, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. ग्रामीण भी डर के साए में जी रहे हैं और लगातार गश्त की मांग कर रहे हैं.
पहले भी उठा चुका है मासूम को
यह पहली वारदात नहीं है. बीते 29 नवंबर को इसी गांव के मासूम स्टार को भी भेड़िया घर के सामने से उठा ले गया था. बहराइच वन प्रभाग में सितंबर से अब तक भेड़िए और तेंदुए के हमलों में 11 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 10 मौतें कैसरगंज इलाके में और एक कोतवाली देहात क्षेत्र में हुई है.
4 भेड़िए मारे गए, फिर भी आतंक जारी
वन विभाग अब तक चार भेड़ियों को शूट कर चुका है, जिनमें तीन आदमखोर साबित हुए. इसके बावजूद इलाके में भेड़ियों का खतरा कम नहीं हुआ है. गांवों में रात के समय लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. वन विभाग की टीमें गांव में डेरा डालकर लगातार तलाशी अभियान चला रही हैं, लेकिन आदमखोर अब भी पकड़ से दूर है. ग्रामीण और विभाग मिलकर उसकी तलाश कर रहे हैं, ताकि और किसी परिवार पर ऐसी त्रासदी न टूटे.
राम बरन चौधरी