सुबह उठकर ली ऐसी उबासी, टूट गई रीड की हड्डी, शरीर में हुआ लकवा

एक महिला ने दावा किया कि जोर से जम्हाई लेने के बाद उसके शरीर में बिजली का झटका जैसा लगा और हालत इतनी खराब हो गई कि उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. जांच में पाया गया कि उसकी रीढ़ की हड्डी को गंभीर चोट लगी है, जिसे ऑपरेशन कर ठीक किया गया.

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एक महिला ने दावा किया कि एक सुबह बहुत जोर से जम्हाई लेने के कारण उनकी रीड की हड्डी टूट गई. ( Photo: AI Generated) एक महिला ने दावा किया कि एक सुबह बहुत जोर से जम्हाई लेने के कारण उनकी रीड की हड्डी टूट गई. ( Photo: AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:06 PM IST

जब भी हम सोकर उठते हैं या नींद आती है तो जम्हाई लेना आम बात है. लेकिन सोचिए, अगर एक सुबह जम्हाई लेने के बाद आपके शरीर में अचानक तेज बिजली का झटका लगे और जान जाने जैसी हालत हो जाए, तो कैसा लगेगा? ऐसा ही अनुभव एक महिला ने किया. उसका कहना है कि एक सुबह उसने अपनी नवजात बेटी को जम्हाई लेते देखा और खुद भी जम्हाई ली. तभी अचानक उसके शरीर में बिजली का झटका जैसा महसूस हुआ. हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें कई दिन कर अस्पताल में एडमिट रहना पड़ा. इसके बाद कई टेस्ट हुए, जिसमें पता लगा कि उसकी रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई है, जिसे बाद में ऑपरेशन करके ठीक किया गया.

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जम्भाई के बाद लगा दौरा पड़ रहा
हेली ब्लैक ने द सन को बताया- "ज्यादातर लोग अपने दिन की शुरुआत उबासी लेकर करते हैं. मैंने भी सामान्य तरीके से जम्हाई ली, लेकिन अचानक मेरे आधे शरीर में बिजली का झटका जैसा लगा. मेरा हाथ हवा में ही रुक गया और मुझे लगा जैसे दौरा पड़ रहा हो. उस समय मुझे यकीन हो गया कि कुछ बहुत गंभीर है. हालांकि, जब उन्होंने अपने पति को यह बताया तो शुरुआत में उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया और कहा – "सुबह के 5 बजे हैं, तुम ठीक हो, कुछ खास नहीं हुआ है.  

महिला ने बताया कि मेरा हाथ हवा में अटक गया और मुझे बिजली का झटका जैसी महसूस हुआ था. ब्लैक ने बताया कि उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे उनके आधे शरीर में दौरा पड़ गया हो. उस पल उन्हें पूरा यकीन हो गया था कि कुछ "बहुत बुरी तरह गड़बड़" है. हालांकि, जब उन्होंने अपने पति को अपनी स्थिति के बारे में बताया, तो उन्होंने पहले तो कहा कि कुछ खास नहीं है.  सुबह के 5 बज रहे हैं, तुमने कुछ नहीं किया है, तुम ठीक हो.

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टेस्ट कराने का बाद सामने आई सच्चाई
ब्लैक ने अपने पति से जिद की और कुछ देर बाद आपातकालीन सेवाओं को फोन किया.  एम्बुलेंस में अपनी यात्रा को याद करते हुए, उन्होंने कहा, "यात्रा बहुत कष्टदायक थी.  रास्ते में हर धक्के से ऐसा लग रहा था जैसे मेरी रीढ़ की हड्डी टूट रही हो.  ब्लैक को याद है कि जब उन्हें भर्ती कराया गया था, तो उन्होंने डॉक्टरों को अपने दर्द के बारे में बताया था, लेकिन शुरुआत में उन्हें कोई समस्या नजर नहीं आई. बाद में कुछ टेस्ट कराने के बाद सच्चाई सामने आई. ब्लैक के मुताबिक, उन्हें यह चोट तब लगी जब जम्हाई लेते समय उनकी गर्दन की दो हड्डियां (कशेरुकाएं) खिसककर रीढ़ की हड्डी पर आगे की ओर दब गईं, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी दब गई.

पूरी तरह से हो गई लकवाग्रस्त
हेली ने याद करते हुए कहा, "मेरे दाहिने हिस्से में पूरी तरह से लकवा मार गया था.  ब्लैक ने अपनी सर्जरी के बारे में बताते हुए कहा, "सर्जन ने मेरी मां को बताया कि यह उनके अनुमान से कहीं ज्यादा बुरा था. उन्होंने मुझे 50/50 का मौका दिया था - न सिर्फ फिर से चलने का, बल्कि सर्जरी से बच निकलने का भी. "जब मैं होश में आई, तो मेरी आपातकालीन सर्जरी हो चुकी थी और उन्होंने मुझे बताया कि वे मेरी सभी सर्जरी को करने में वे कामयाब रही हैं.

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महिला को हुआ अजीब बीमारी
महिला ने बताया कि यह आश्चर्यजनक था, लेकिन मैं अभी भी सदमे में थी. मैं सोचती रही, 'जम्हाई लेते हुए मेरी गर्दन टूट गई, ऐसा कैसे हो सकता है?'"इस घटना ने उन्हें मेंटल और फिजिकल रूप से बहुत प्रभावित किया. बाद में उन्हें फाइब्रोमायल्जिया नामक बीमारी हो गई, जिससे लगातार दर्द और थकान होती है. उसने उनके परिवार की जिंदगी को भी तहस-नहस कर दिया और उनकी रीढ़ की हड्डी को हमेशा के लिए डैमेज कर दिया.

महिला को उबासी लेने में लगता है डर
महिला ने बताया कि यह सचमुच बहुत कठिन था, हम इसकी वजह से बेघर भी हो गए थे.  उन्होंने याद करते हुए दावा किया, "मैं काम नहीं कर सकती थी, मैं बच्चों की देखभाल नहीं कर सकती थी, और हमारी पूरी दुनिया उलट-पुलट हो गई." उन्होंने आगे कहा कि अब वह बिना घबराए जम्हाई नहीं ले सकतीं. जब भी मुझे लगता है कि जम्हाई आने वाली है, मैं उसे दबाने की कोशिश करती हूं. इसका असर आज भी मुझे हर दिन होता है. हालांकि, उन्होंने अपनी मेडिकल टीम का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, "यह सच है कि मैं व्हीलचेयर पर नहीं हूं, यह एक चमत्कार है. मैं हर दिन उनका शुक्रिया अदा करती हूं कि मैं यहां हूं, मैं चल सकती हूं और अपने बच्चों के साथ रह सकती हूं.

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