दूर दूर तक कोई नहीं... सुनसान आइलैंड पर रहती है लड़की, बताया कैसे होता है खाने का इंतजाम

इस आइलैंड पर दूर दूर तक इंसान नजर नहीं आते. यहां कोई हवाई जहाज भी नहीं उड़ता है. न ही बड़ी बड़ी इमारतें और दफ्तर हैं. एक स्कूल था वो भी बंद पड़ा है. तो ऐसे में यहां की जिंदगी कैसी है, लड़की ने इसी बारे में लोगों को बताया है.

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लड़की ने बताया आइलैंड पर कैसी है उसकी लाइफ (तस्वीर- torikaw/TikTok, Getty Images) लड़की ने बताया आइलैंड पर कैसी है उसकी लाइफ (तस्वीर- torikaw/TikTok, Getty Images)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:16 PM IST

ये लड़की एक रिमोट आइलैंड पर रहती है. जो शहरों से कोसों दूर है. यहां शहर जैसी सुविधाएं भी नहीं हैं. आबादी महज 50 लोगों की है. बावजूद इसके वो यहां काफी खुश है. लड़की ने बताया है कि वो यहां किस तरह रहती है और क्या काम करती है. खाने का इंतजाम कैसे होता है. इस लड़की का नाम टोरिका क्रिश्चियन है. वो ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र पिटकेर्न आइलैंड में रहती है. 21 साल की क्रिश्चियन कहती हैं कि ये जगह स्वर्ग है. यहां सभी का खुले दिल से स्वागत होता है. यहां कुछ समय बिताने के बाद मैं जानती हूं कि मैं कहीं नहीं जाऊंगी.

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न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, क्रिश्चियन सोशल मीडिया पर अपनी इस अनोखी जिंदगी की कहानियां लोगों के साथ शेयर करती हैं. केवल 2 मील लंबे और 1 मील चौड़े पिटकेर्न में कोई हवाई पट्टी नहीं है, इसलिए लोग स्पलाई करने वाले जहाज से ही सफर करते हैं. ये जहाज हर हफ्ते इस आइलैंड और गैंबियर आइलैंड के बीच चलता है. ये गुरुवार को आता है. फिर रविवार को पर्यटकों और स्थानीय लोगों को लेकर रवाना हो जाता है. अगर रविवार को लोग इस पर नहीं बैठे, तो उन्हें गुरुवार तक का इंतजार करना होगा. 

यही जहाज हर तीन महीने में खाने और मेडिकल का सामान लेने के लिए न्यूजीलैंड जाता है. ऐसे में लोगों को कई बार सफर करने के लिए पांच हफ्ते का इंतजार करना पड़ता है. क्रिश्चियन का कहना है कि वह ब्रिटिश नाविक फ्लेचर क्रिश्चियन की आठवीं पीढ़ी की वंशज हैं, जिन्होंने 1789 में दक्षिण सागर में HMS बाउंटी पर विद्रोह का नेतृत्व किया था और फिर पिटकेर्न में आकर बस गए थे. ये आइलैंड बड़े पिटकेर्न द्वीप समूहों का हिस्सा है, जिसमें निर्जन हेंडरसन, ड्यूसी और ओनो आइलैंड शामिल हैं.  

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यहां बेहद कम है आबादी (तस्वीर- Getty Images)

क्रिश्चियन ने कहा कि स्थानीय लोगों को ऐसे अकेलेपन के साथ रहना बुरा नहीं लगता. जब मौसम अच्छा होता है तो मछली पकड़ने जाती हूं. जब बारिश होती है तो घर पर रहती हूं. यहां वर्क लाइफ भी अच्छी है. पैसा इतना मिल जाता है कि बिल भर पाएं. क्रिश्चियन अपने परिवार का बिजनेस चलाती हैं. जो मॉडल शिप्स, फिश वॉल हैंगिंग और आइलैंड का स्टैंप बेचते हैं. इसके अलावा एक कमरे का घर भी पर्यटकों को किराए पर देकर पैसा कमाते हैं. वो पार्ट टाइम जॉब के तौर पर सरकार और कार्गो शिप्स का काम करती हैं.

सुविधाओं की बात करें, तो आइलैंड पर जनरल स्टोर, टूरिज्म ऑफिस, लाइब्रेरी, जिम और मेडिकल सेंटर है. चूंकी यहां केवल दो ही बच्चे हैं, इसलिए स्कूल बंद है. यहां के बच्चे अन्य जगहों से शिक्षा हासिल कर रहे हैं. क्रिश्चियन ने  खुद भी हाई स्कूल तक की पढ़ाई न्यूजीलैंड से की. फिर बीमार पड़ने के बाद वापस पिटकेर्न आ गईं. उन्होंने कहा कि इस आइलैंड पर भविष्य अच्छा है इसलिए वो यहां ज्यादा से ज्यादा लोगों को आने के लिए कहती हैं. यहां प्लंबर, इलेक्ट्रीशिन, मकैनिक और बिल्डर सब हैं. 

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