आरे के बाद अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नाणार रिफाइनरी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस वापस लेने के आदेश दिए हैं. शिवसेना रत्नगिरि में तेल रिफाइनरी प्रोजेक्ट का विरोध करती रही है. शिवसेना के विरोध के बाद इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. हालांकि तत्कालीन सरकार में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस दर्ज किए गए थे.
नाणार परियोजना के लिए इस क्षेत्र के 14 गांवों की लगभग 15,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था. नाणार तेल रिफाइनरी परियोजना IOC, HPCL और BPCL और सऊदी पेट्रोलियम की दिग्गज कंपनी अरामको और अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी के बीच एक महत्वाकांक्षी तीन ट्रिलियन डॉलर का संयुक्त उपक्रम था.
नाणार रिफाइनरी प्रोजेक्ट के खिलाफ 14 गावों के पंचायतों ने भी असहमति जताई थी. शिवसेना ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया था. शिवसेना के साथ-साथ पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी इस प्रोजेक्ट को बंद करने की मांग की थी.
विरोध के बाद रुका था प्रोजेक्ट
बीजेपी सरकार को गठबंधन की भागीदार शिवसेना के विरोध के बाद बैकफुट पर आना पड़ा था. महाराष्ट्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को रोकने का फैसला किया था और कहा था कि इस प्रोजेक्ट को कहीं और शुरू किया जाएगा.
गौरतलब है कि इससे पहले सीएम उद्धव ठाकरे ने रविवार शाम को मुंबई में आरे मेट्रो कार शेड निर्माण के खिलाफ आंदोलन करने वाले पर्यावरणविदों पर दर्ज मुकदमा को वापस लेने का फैसला किया था.
कई फैसले ले चुके हैं सीएम उद्धव
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने आरे मेट्रो कार शेड के खिलाफ आंदोलन करने वाले कई पर्यावरणविदों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने का आदेश दिया है. इससे पहले उद्धव सरकार ने आरे मेट्रो कार शेड के निर्माण पर रोक लगाने का ऐलान किया था.
बता दें कि अक्टूबर में मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड के लिए काटे जा रहे पेड़ों को बचाने के लिए धरना-प्रदर्शन किया गया था. इस दौरान पर्यावरण कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किए थे. वहीं, शपथ ग्रहण के 24 घंटे के भीतर ही मुख्यमंत्री ठाकरे ने अपने पहले फैसले में आरे मेट्रो कार शेड परियोजना के काम को रोकने का आदेश दिया था.
पॉलोमी साहा