ब्रिटेन के एक इतिहासकार ने हाल ही आयोजित एक व्याख्यान में भारत के स्वतंत्रता सेनानियों- भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद को आतंकी बता विवाद खड़ा कर दिया है. वारविक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड हार्डीमेन ने कहा कि जिन आतंकी समूहों ने महात्मा गांधी को शिकार बनाया, वे उनके अहिंसक आंदोलन के साथ ही कहीं मौजूद थे.
ब्रिटेन के इतिहास के प्रोफेसर ने कहा, 'जिन्होंने गांधीजी को शिकार बनाया उनमें से कुछ मशहूर हस्तियां थीं- भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद. ये हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन और हिंदुस्तान रिपब्लिक सोशलिस्ट एसोसिएशन में शामिल थे.' हार्डीमेन 14 फरवरी को 24वें आईपी देसाई मेमोरियल लेक्चर में '1915-1947 के दौरान भारत में अहिंसक विरोध' विषय पर व्याख्यान दे रहे थे.
हार्डीमेन ने आगे कहा कि गांधी के आंदोलन को दूसरे तरीकों से विरोध की वजह से लाभ मिला. उन्होंने कहा, 'हर अहिंसक आंदोलन का एक हिंसक समूह होता है जो उन्हीं लक्ष्यों को सशस्त्र आंदोलन के जरिए हासिल करना चाहता है. यह समूह अक्सर बम हमलों, गोलीबारी और हत्याओं जैसे आतंकी कार्यों में शामिल रहता है. अहिंसक आंदोलन को इसलिए फायदा मिला क्योंकि प्रशासन को लगता था कि खतरनाक आतंकियों की तुलना में इनसे निपटना ज्यादा आसान है.'
आतंकी शब्द का इस्तेमाल अपमानजनक रूप ने नहीं
दूसरी ओर, हार्डीमेन की भारतीय क्रांतिकारियों के खिलाफ टिप्पणियों से व्याख्यान में उपस्थित दर्शक क्रोधित हो गए. उन्होंने उन्हें अपनी बात स्पष्ट करने के लिए कहा, वहीं मामला बढ़ता देख हार्डीमेन ने कहा, 'मैंने आतंकी शब्द का इस्तेमाल एक अपमानजनक शब्द के रूप में नहीं किया.'
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