असम गण परिषद ने अपने नए अध्यक्ष चंद्रमोहन पटवारी के नेतृत्व के कुछ लोकप्रियता हासिल की है.
पार्टी को अपेक्षित लोकप्रियता नहीं मिल पाने के कई कारण हैं. असम गण परिषद में नए चेहरों का प्राय: अभाव नजर आता है. साथ ही अक्सर पार्टी पर आरोप लगाया जाता है कि यह गुपचुप रूप से आतंकी संगठन उल्फा की मदद करती है.
पिछले दो विधानसभा चुनावों और पिछले आम चुनाव में असम गण परिषद कोई खास प्रभाव जमाने में नाकाम रही है. बीजेपी के साथ गठबंधन का भी उसे अब तक कोई फायदा मिलता नजर नहीं आ रहा है. कांग्रेस की पावर के आगे यह पार्टी अब बेदम नजर आती है.
आजतक वेब ब्यूरो