जब मैच की वजह से पिता के अंतिम संस्कार में नहीं जा पाए थे सिराज...

एक पल वो था जब सिराज ने गाबा में भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाकर देश का मान बढ़ाया था और एक पल आज का है जब सिराज ने मैन ऑफ द मैच बनने के बाद अपनी इनामी राशि ग्राउंड्समैन को दान कर दी. दरअसल 2020 में ऑस्ट्रेलियाई सीरीज के दौरान सिराज के पिता का इंतकाल हो गया था.

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मोहम्मद सिराज की गेंदबाजी के दम पर टीम इंडिया की शानदार जीत मोहम्मद सिराज की गेंदबाजी के दम पर टीम इंडिया की शानदार जीत

सुमित कुमार / सत्यम बघेल

  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:48 PM IST

मोहम्मद सिराज. एशिया कप 2023 फाइनल का सबसे बड़ा स्टार. मियां भाई के नाम से मशहूर इस खिलाड़ी ने श्रीलंका के कोलंबो में ऐसी धारदार गेंदबाजी की कि पूरे एशिया में भारत का परचम लहरा दिया. ये खिलाड़ी एशिया कप में भारत के विजेता बनने का सबसे मुख्य किरदार है. 29 साल का ये लड़का वही है, जो कुछ समय पहले आंखों में आंंसू भरकर मैदान में खड़ा था. वजह थी पिता का इंतकाल. एक दिन वो था जब सिराज ने गाबा में भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाकर देश का गौरव बढ़ाया था और एक आज का दिन है जब सिराज ने 'मैन ऑफ द मैच' बनने के बाद अपनी इनामी राशि ग्राउंड्समैन को दान कर दी.

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भारत ने आज एशिया कप अपने नाम किया और सिराज को प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब मिला. मगर इस दौरान उन्होंने सबका दिल  भी जीत लिया. सिराज ने प्लेयर ऑफ द मैच के लिए मिली इनाम राशी को ग्राउंड स्टाफ के नाम कर दिया. सिराज ने कहा कि इन सभी ने काफी मेहनत की है. यही खिताब के असली हकदार हैं. इस तरह सिराज ने सबका दिल जील लिया. लेकिन इससे पहले का एक किस्सा भी आज याद कर लेते हैं. 

बात साल 2020 की है. कोरोना वायरस का दौर था. ऐसे वक्त में भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया में जाकर सीरीज खेली. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में सिराज मैच से पहले प्रैक्टिस कर रहे थे. ऐसे में सुबह के वक्त ट्रेनिंग से लौटने के बाद उन्हें पिता के इंतकाल की खबर मिली. लेकिन क्वारंटाइन में होने की वजह से सिराज भारत नहीं जा सकते थे. लिहाजा इस तोड़ देने वाले पल में भी सिराज ने हिम्मत नहीं हारी और देश के लिए मैच खेले. सीरीज में सिराज ने अपनी स्विंग गेंदबाजी के दम पर 13 विकेट चटकाए और टूर्नामेंट में सर्वाधिक  विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज भी बने.

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मुश्किल वक्त में कोहली और रवि शास्त्री ने बांधी हिम्मत

सिराज ने बाद में कहा भी था कि मैंने यह खबर कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री को बताई थी. उन्होंने मुझे हिम्मत रखने के लिए कहा. कोहली ने उन्हें हिम्मत देते हुए कहा था कि टीम मेरे साथ है. सिराज ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि तत्कालीन कोच रवि शास्त्री ने उन्हें उस मुश्किल वक्त में सपोर्ट किया था. सिराज ने कहा था कि मैं अपने पिता के निधन के अगले दिन ट्रेनिंग के लिए गया और रवि शास्त्री ने मुझसे कहा कि मेरे पास पिता का आशीर्वाद है और मैं पांच विकेट लूंगा. जब मैंने ब्रिस्बेन में पांच विकेट लिए, तो उन्होंने मुझसे कहा. देखो, तुमने क्या किया. मैंने तुमसे कहा था न कि तुम पांच विकेट लोगे.

पिता की मौत के बाद सिराज ने लिए 13 विकेट

मोहम्मद सिराज वही खिलाड़ी हैं, जिन्होंने इस पूरी सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के 13 विकेट लिए थे और भारत ने सीरीज 2-1 से अपने नाम की थी.

गाबा में पांच विकेट लेकर पिता को दिया था ट्रिब्यूट

 

इसके अलावा, गाबा में भारत की ऐतिहासिक जीत के हीरो रहे सिराज ने पांच विकेट लेकर अपने मरहूम पिता को ट्रिब्यूट भी दिया था. उन्होंने दूसरी पारी में पांच विकेट लेने के बाद अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर पिता को श्रद्धांजलि दी थी. उनका यह फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था.

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राष्ट्रगान के वक्त भी भावुक हो गए थे सिराज

इस सीरीज के एक मैच में राष्ट्रगान के वक्त सिराज बहुत भावुक हो गए थे. ऐसे में दिन का खेल खत्म होने के बाद जब उनसे पूछा गया था कि वह क्यों भावुक हो गए थे, तो उन्होंने बताया था कि उन्हें उनके पिता की याद आ गई थी.

मोहम्मद सिराज वर्ल्ड में चौथे नंबर पर

मौजूदा वक्त की बात करें तो सिराज श्रीलंका के परखच्चे उड़ाने के बाद वर्ल्ड रैंकिंग में चौथे नंबर पर आ चुके हैं. उनसे पहले वनडे मैच में दुनिया के महज 3 गेंदबाज ऐसे रहे हैं जिन्होंने 1 ओवर में 4 बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया है. सबसे पहले चमिंदा वास (श्रीलंका) ने ये कारनामा किया था. इसके बाद मोहम्मद सामी (पाकिस्तान), आदिल राशिद (इंग्लैंंड) ये कारनामा कर चुके हैं. इसके अलावा, सिराज वनडे में सबसे तेज 5 विकेट लेने वाले भारत के पहले और विश्व के दूसरे गेंदबाज बन चुके हैं.

गरीब परिवार से ऊंचे ख्वाब को पूरे करने वाला खिलाड़ी

बताते चलें कि मोहम्मद सिराज का जन्म हैदराबाद के एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था. उनके पिता गौस मोहम्मद एक ऑटो रिक्शा चालक थे. सिराज के घर पैसों की किल्लत जरूर थी, लेकिन यह पिता का ही सपना था कि उनका बेटा एक बड़ा क्रिकेटर बने. देश के लिए खेले. आज सिराज ने अपनी स्विंग से पिता के उन सपनों को सच कर दिखाया है.

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