प्रेमानंद महाराज का कहना है कि अगर आपके पास समय और धन है तो गया जी जाकर पितरों का तर्पण और पिंडदान जरूर करना चाहिए. यह केवल परंपरा नहीं बल्कि पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष का मार्ग है. महाराज ने बताया कि श्राद्ध गया जी में वहीं की पद्धति से करना चाहिए और नाम जप भी करना जरूरी है.