Ayodhya Ram Mandir: रामचरितमानस की इन चौपाइयों में छिपा हर समस्या का हल, मंत्रों जितनी हैं शक्तिशाली

Ayodhya Ram Mandir: रामचरितमानस के हर कांड का अलग ही महत्व है. इसके एक-एक दोहे एक-एक पंक्ति में कष्टों का निवारण छिपा है. इंसान जिंदगी की ऐसी कोई कामना नहीं जो रामचरितमानस के पाठ से पूरी ना हो सके.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:02 AM IST

Ayodhya Ram Mandir: रामचरित मानस अवधी भाषा में लिखी 'रामायण' है. इसके रचयिता गोस्वामी तुलसी दास हैं. तुलसीदास ने इसमें भक्ति भावना से पूर्ण होकर दोहे लिखे हैं. रामचरितमानस को हिन्दू धर्म में अत्यंत पूज्य माना जाता है. गोस्वामी तुलसीदास ने इस महाकाव्य को सात भागों में बांटा है. बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किन्धाकांड, सुंदरकांड, लंकाकांड और उत्तरकांड.

रामचरितमानस के हर कांड का अलग ही महत्व है. इसके एक-एक दोहे एक-एक पंक्ति में कष्टों का निवारण छिपा है. इंसान जिंदगी की ऐसी कोई कामना नहीं जो रामचरितमानस के पाठ से पूरी ना हो सके. आइए जानते हैं कि रामचरित मानस क्या है और इसके दोहे और चौपाइयां इतनी महत्वपूर्ण क्यों हैं.

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1. रोजगार पाने के लिए
बिस्व भरण पोषण कर जोई, ताकर नाम भरत अस होई|

2. विपत्ति निवारण के लिए
जपहि नामु जन आरत भारी, मिटाई कुसंकट होई सुखारी

3. विद्या प्राप्ति के लिए
गुरु गृह पढ़न गए रघुराई, अलप काल विद्या सब आयी

4. विवाह और योग्य वर के लिए
सुनु सिय सत्य असीस हमारी, पूजहि मनकामना तुम्हारी

5. रोग नाश के लिए
दैहिक, दैविक, भौतिक तापा, राम राज नहीं काहूंहि व्यापा

6. हर संकट से बचने के लिए
दीन दयाल विरदु सम्भारी, हरहु नाथ मम संकट भारी

7. ईश्वर की कृपा पाने के लिए
कामिहि नारी पियारी जिमी, लोभी प्रिय जिमि दाम| तेहि रघुनाथ निरंतर , प्रिय लागहु मोहि राम||

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