Gita Updesh: बहुत से लोग पूरे जीवन कठिन मेहनत करते हैं, लेकिन इसके बावजूद घर में धन की कमी बनी रहती है. कई बार वे योजनाएं बनाते हैं, लेकिन वे पूरी तरह सफल नहीं होतीं. इसी वजह से मन हमेशा बेचैन और चिंतित रहता है. कई लोग सोचते हैं कि जीवन में स्थिरता और समृद्धि पाने के लिए केवल मेहनत ही काफी है, लेकिन शास्त्रों के मुताबिक केवल मेहनत ही नहीं, बल्कि हमारी दिनचर्या और आदतें भी हमारे भाग्य और जीवन की ऊर्जा पर गहरा असर डालती हैं. श्रीमद्भगवद्गीता में बताया गया है कि सुबह की कुछ सरल आदतें व्यक्ति के भाग्य को बदल सकती हैं. ये आदतें न केवल मन को शांत करती हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ाती हैं. अगर इन आदतों को अपनाया जाए, तो जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन बना रहता है.
सूर्योदय से पहले उठना
गीता में ‘काल’ यानी समय को सबसे शक्तिशाली और मूल्यवान बताया गया है. समय का सही उपयोग करने वाला व्यक्ति ही वास्तविक सफलता प्राप्त करता है. सूर्योदय से पहले का समय ब्रह्ममुहूर्त कहा जाता है. इस समय उठना न केवल धार्मिक दृष्टि से शुभ माना जाता है, बल्कि वैज्ञानिक और मानसिक दृष्टि से भी यह अत्यंत लाभकारी है. ब्रह्ममुहूर्त में उठने से व्यक्ति का मन तेज और स्थिर होता है, सोच स्पष्ट और योजनाएं ज्यादा सफल होने लगती हैं. यह समय आध्यात्मिक अभ्यास, ध्यान, योग और सकारात्मक सोच के लिए सर्वोत्तम माना गया है.
उठते ही ईश्वर का नाम लें
सुबह जागने के तुरंत बाद मन शांत और कोमल होता है. इस समय ईश्वर को याद करने से पूरे दिन ऊर्जा बनी रहती है. राधे-कृष्ण, सीता-राम या नारायण-नारायण जैसे मंत्र जपने के बाद हथेलियों का दर्शन करें. यह छोटी-सी आदत न केवल आस्था जगाती है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाती है.
सूर्य देव को जल अर्पित करें
सूर्य देव को ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. सुबह तांबे के लोटे में जल लेकर सूर्य को अर्घ्य देना अत्यंत शुभ होता है. इससे मन स्थिर होता है और बुरी ऊर्जा दूर रहती है. नियमित अर्घ्य देने से घर में मानसिक तनाव कम और सकारात्मकता अधिक रहती है. मन शांत होने से निर्णय सही होते हैं.
श्रीकृष्ण की भक्ति और पूजा
गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है – “मां शरणं वृज”, अर्थात जो मेरी शरण में आता है, मैं उसका कल्याण करता हूं. सुबह उनकी प्रतिमा या थाली में चंदन से बने ‘स्वस्तिक’ और ‘ॐ’ के चिह्न पर तुलसी के पत्ते अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है. यह एक तरह सकारात्मक ऊर्जा यंत्र बन जाता है, इससे श्रीकृष्ण की कृपा होती है.
सकारात्मक कर्म और दान
सुबह कुछ दान या सेवा करना भी भाग्य सुधारने में मदद करता है. यह न केवल पुण्य का मार्ग खोलता है, बल्कि घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को भी बढ़ाता है.
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