Chaitra Navratri 2022 Navami Tithi Shubh Muhurat: नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. माता सिद्धिदात्री को मां दुर्गा का नौवा स्वरूप माना जाता है. नवरात्रि के नौवें दिन कन्या पूजन भी किया जाता है. यह दिन नवरात्रि का अंतिम दिन होता है. बहुत से लोग नवरात्रि की नवमी तिथि को कन्या पूजन करते हैं. इस दिन लोग हवन करके कन्या पूजन करते हैं और रात में नवरात्रि का पारण किया जाता है. इसके बाद दशमी के दिन मूर्ति विसर्जन किया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं नवमी तिथि का शुभ मुहूर्त, हवन सामग्री लिस्ट और विधि-
चैत्र नवरात्रि 2022 नवमी तिथि शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri 2022 Navami Shubh Muhurat)
इस साल नवमी रविवार के दिन पड़ रही है. चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि 10 अप्रैल 2022 को है.
नवमी तिथि प्रारम्भ - अप्रैल 10, 2022 की रात्रि 01 बजकर 23 मिनट से शुरू
नवमी तिथि समाप्त - अप्रैल 11, 2022 को सुबह 3 बजकर 15 मिनट पर समाप्त
नवमी के दिन कैसे करें मां सिद्धिदात्री की पूजा (Maa siddhidatri Pujan Vidhi)
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें.
- मां की फोटो या मूर्ति को गंगाजल से साफ कर लें.
- मां को सफेद रंग के कपड़ें अर्पित करें.
- इसके बाद सफेद रंग के फूल मां को चढ़ाएं.
- फिर मां को फल, मिठाई और पंच मेवा अर्पित करें.
- इसके बाद मां के आगे घी का दीपक जलाएं.
- फिर पूजा और आरती करें और मां सिद्धिदात्री का ध्यान करें.
मां सिद्धिदात्री ध्यान मंत्र
वन्दे वाञ्छित मनोरथार्थ चन्द्रार्धकृतशेखराम्.
कमलस्थिताम् चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्विनीम्॥
स्वर्णवर्णा निर्वाणचक्र स्थिताम् नवम् दुर्गा त्रिनेत्राम्.
शङ्ख, चक्र, गदा, पद्मधरां सिद्धीदात्री भजेम्॥
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्.
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोला पीन पयोधराम्.
कमनीयां लावण्यां श्रीणकटिं निम्ननाभि नितम्बनीम्॥
नवमी के दिन कैसे करें कन्या पूजन (Chaitra Navratri 2022 Navami Kanya Puja)
नवमी के दिन कन्या पूजन करना काफी शुभ माना जाता है. इस दिन हवन के बाद ही कन्या पूजन किया जाता है. इस दिन 9 कन्याओं समेत 1 लड़के को भोजन कराना चाहिए. पूजन के समय ध्यान रखें कि सभी कन्याओं की उम्र 2 साल से कम और 10 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इस दिन कन्याओं के पैर धोए जाते हैं. उसके बाद उनकी पूजा की जाती है और उन्हें तिलक लगाया जाता है. इसके बाद कन्याओं को हलवा, चने और पूड़ी का प्रसाद दिया जाता है. प्रसाद खिलाने के बाद कन्याओं को दक्षिणा जरूर दें. फिर पैर छूकर सभी कन्याओं का आशीर्वाद लें.
नवरात्रि हवन सामग्री (Navratri Havan Samagri List)
-हवन कुंड
-हवन सामग्री
-देसी घी
-हवन के लिए लकड़ी
-कपूर
-धूप
-अगरबत्ती
-सूखा नारियल
-लाल कलावा
-रोली
-चंदन
-अक्षत (चावल)
-आम या केले के पत्ते
-पान के पत्ते
-मिठाई
- फल
-गंगाजल
-चरणामृत
-गुग्गल
-लोबान
-शहद
-कपूर
-लाल कपड़ा
-सुपारी
-फूल की माला
नवरात्रि हवन विधि (Navratri Havan Vidhi)
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें.
- मंदिर की सफाई करें और हवन कुंड को भी साफ कर लें.
- इसके बाद माता की चौकी लगाएं, चौकी में लाल कपड़ा बिछाएं और माता की तस्वीर रखें.
- इसके बाद माता के आगे दीपक और धूप जलाएं.
- इसके बाद हवन कुंड में लकड़ी रखें.
- लकड़ियों के बीच में घी और कपूर रखें और इसे जलाएं. इसमें बीच-बीच में हवन सामग्री डालते रहें.
- माता के मंत्रों का उच्चारण करें और हवन में आहूति दें.
- इसके बाद नारियल में कलावा बांधकर उसे हवन कुंड में अर्पित करें.
- इसके बाद हवन कुंड में सुपारी, पान, समेत बाकी बची सभी चीजें अर्पित करें.
- हवन के बाद मां दुर्गा की आरती करें.
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